इस गर्मी भी नहीं मिलेगा बागबेड़ा को पानी, पांच साल बाद भी अधूरा

Update: 2023-02-06 07:04 GMT

जमशेदपुर न्यूज़: बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के बचे काम को पूरा करने के लिए जिप सदस्य डॉ. कविता परमार ने विभाग के कार्यपालक अभियंता अभय टोप्पो से बात की. उन्होंने बताया कि सर्वे का काम किया जा रहा है. एक सप्ताह में काम शुरू हो जाएगा. बरसात से पहले फाउंडेशन का काम करने का लक्ष्य है. बागबेड़ा के रामनगर हनुमान मंदिर के पास रेलवे के पंप हाउस से निकलने वाले पानी के लिए ड्रेनेज नहीं होने से सड़क जर्जर हो गई है. जिप सदस्य डॉ. परमार ने बताया कि रेलवे की ओर से नाले का निर्माण किया जा रहा है.

इस गर्मी में भी बागबेड़ा वृहद ग्रामीण जलापूर्ति से लोगों को पानी नहीं मिल पाएगा. मार्च 2023 में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अभी कई काम बाकी हैं. 2015 में शुरू हुई योजना को 2018 में पूरा करना था. विभागीय अड़चनों के कारण पांच साल बाद भी इसका फायदा नहीं मिल पाया है. 237 करोड़ की योजना में 211 करोड़ अब तक खर्च हो चुके हैं. इसमें छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना भी शामिल है, जिससे जलापूर्ति हो रही है. लेकिन बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना से अब तक एक बूंद पानी नहीं मिल पाया है. योजना के बचे काम को लेकर एक महीना पहले विभाग ने 50.58 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है.

33 बस्तियों के नीचे से गुजरना है पाइप रेलवे लाइन और रेलवे की 33 बस्तियों के नीचे से जलापूर्ति योजना का पाइप ले जाना है. इसके अलावा बड़ौदा घाट में बहने वाली खरकई नदी के बीचोंबीच से पिलर के जरिए भी पाइप ले जाना है. साथ ही इंटकवेल का भी निर्माण किया जाना है. योजना के पूरे होने से करीब दो लाख लोगों को पानी मिलेगा. जलापूर्ति योजना का काम करने वाली पुरानी एजेंसी की लेटलतीफी के कारण विभाग ने उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया था. इसके बाद नई एजेंसी को काम दिया गया. नई एजेंसी भी काम में सुस्त है.

खरकई नदी में होना है 11 पिलर का निर्माण पूर्व जिप सदस्य किशोर यादव कहते हैं कि बड़ौदा घाट में पाइप लाइन ले जाने के लिए खरकई नदी में 11 पिलर का निर्माण होना है. लेकिन अबतक काम शुरू नहीं हुआ है. जुलाई में बरसात शुरू हो जाएगी तो नदी में काम नहीं हो पाएगा. योजना पूरा होने में और समय लगेगा.

कुछलोग सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं विनय

बागबेड़ा महानगर विकास समिति के संयोजक विनय सिंह प्रेस बयान जारी कर कहा कि कुछलोग सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए बागबेड़ा जलापूर्ति योजना को लेकर धरना और उपवास कर वाहवाही लूटना चाहते हैं. बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सुबोध झा के नेतृत्व में 2005 से लगातार आंदोलन चल रहा है. योजना को धरातल पर उतारने के लिए 476 बार धरना-प्रदर्शन, घेराव, भूख हड़ताल, चुनाव का बहिष्कार, रांची-दिल्ली तक पदयात्रा हो चुकी है.

समिति के प्रयास से पुरानी कंपनी को विभाग ने काली सूची में डाला.

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