बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल को लिखा पत्र, कहा- राज्य में लागू की जाए 'राष्ट्रपति शासन'

Update: 2023-10-10 14:21 GMT
रांची : बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने राज्य के वर्तमान स्थिति का जिक्र करते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि यह बीजेपी की नहीं बल्कि पूरे राज्य की जनता की मांग है. बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि वर्तमान सरकार में लॉ एंड ऑर्डर और सिस्टम पूरी तहर से फेल हो गया है. क्योंकि सिस्टम चलाने वाले लोग ईडी की रडर पर हैं.
अपने पत्र में बाबूलाल मरांडी ने लिखा है कि आपको (राज्यपाल) यह लिखने को मैं बाध्य हूं संवैधानिक तंत्र राज्य में विफल हो गया है. राज्य में मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार की जांच कर रही जांच एजेंसियों के अनुरोध के प्रति राज्य सरकार और उसके अधिकारी उदासीन हो गए हैं. उन्होंने कहा कि जब मेरे पास उपर्युक्त जानकारी आई, तो मैंने इसकी सच्चाई की जांच करने के लिए उचित प्रयास किए और आरोपों को सत्य और सही पाया. ऐसा लगता है कि मुख्य सचिव और झारखंड सरकार के कार्यालय को जांच एजेंसियां साल 2022 से पत्र लिख रही हैं और उनसे कार्रवाई का अनुरोध कर रही हैं मगर राज्य सरकार इस पर मूकदर्शक और पूर्ण निष्क्रिय रही है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह उल्लेख करना उचित है कि कई मामलों में कई अनुरोध भेजे गए हैं और कोई कार्रवाई नहीं की गई है और न ही उसपर कोई उत्तर ही सरकार की तरफ से दिया गया है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के मुख्य सचिव के कार्यालय में भ्रष्टाचार के मामलों में उच्च सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के अनुरोध को छोड़कर ऐसे 10 से अधिक मामले लंबित हैं. जिसका सरकार की तरफ से जांच एजेंसियों को न तो कोई जवाब दिया गया और न ही अबतक उन मामलों में कोई कार्रवाई ही की गई है. खासकर उन मामलों में जहां एजेंसियों द्वारा उपर्युक्त अनुरोध के साथ अनेक सबूत उपलब्ध कराए गए हैं. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव के साथ मुख्यमंत्री हेमंत को भी पत्र लिखा गया था, मगर दोनों में से किसी ने अबतक कोई जवाब नहीं दिया. ऐसे में किसी भी व्यक्ति के लिए यह निष्कर्ष निकालना उचित है कि राज्य सरकार सक्रिय रूप से आरोपी व्यक्तियों को एक साजिश के तहत बचाने का काम कर रही है.
राज्यपाल से अपने पत्र के जरिए बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि मैं आपसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध करूंगा ताकि यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य सरकार कानून/संविधान के अनुरूप कार्य करें और उन्हें यह सवाल भी पूछा जाना चाहिए कि इस तरह के गैर-अनुपालन को संवैधानिक मशीनरी की विफलता या खराबी के रूप में क्यों नहीं माना जाना चाहिए? उन्होंने लिखा है कि यह उल्लेख करना उचित होगा कि ऐसी विफलता कानून के प्रावधानों का खुलेआम उल्लंघन करने वाले हेरफेर या कानून के तहत किए जाने वाले कार्यों को गुप्त रूप से दबाने / देरी करने के कारण हुई हो, दोनों ही संवैधानिक तंत्र की विफलता के समान होंगे. अनुरोध है कि तत्काल आवश्यक और सुधारात्मक कदम उठाए जाएं और अगर ऐसा असहयोग जारी रहता है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा की जाए.
Tags:    

Similar News

-->