झारखंड में तैनात ASI बनेंगे SUB INSPECTOR, तैयारी में जुटा मुख्यालय

झारखंड में तैनात ASI बनेंगे SUB INSPECTOR

Update: 2022-08-04 08:26 GMT

Ranchi: राज्य में तैनात एएसआई अब एसआई बनेंगे. इसके लिये पुलिस मुख्यालय से नये सिरे से क्षेत्रीय डीआईडी से मनोनयन के लिये सूची की मांग की गयी है. पुलिस मुख्यालय ने एसटीएफ छोड़ के पुलिस के अन्य विंग एसीबी, विशेष शाखा, सीआईडी, रेल, जंगलवार फेयर स्कूल नेतरहाट, झारखंड पुलिस एकेडमी हजारीबाग और जिलों से मंतव्य मांगा है कि कौन-कौन एएसआई एसआई में प्रोन्नति के योग्य हैं और अर्हता को पूरी करते हैं. हालांकि प्रोन्नति के लिये अनिवार्य ट्रैनिग की योग्यता को शिथिल कर दिया गया है. कोरोना काल में कई लोगों का ट्रैनिंग आधा अधूरा रहने की वजह से यह निर्णय लिया गया है. राज्य में तैनात करीब 1500 एएसआई इससे लाभान्वित होंगे. ये एएसआइ 35 वर्ष तक की ड्यूटी पूरी कर चुके हैं, लेकिन प्रोन्नति नहीं होने से एसआई नहीं बन सके. तत्कालिन रघुवर सरकार के समय सीमित परीक्षा के चलते प्रोन्नति बाधित थी. सीमित परीक्षा के प्रविधान को समाप्त करने संबंधित पुलिस मुख्यालय की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने इसे शिथिल कर दिया था. जबकि, इस नियमावली के पूर्व सीमित परीक्षा का प्रविधान नहीं था.

संख्या बल की कमी के चलते होती है परेशानी
पुलिस बल की कमी के चलते राज्य पुलिस विभाग को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. राज्य में अपराध नियंत्रण और विधि व्यवस्था तथा अनुसंधान विंग अलग-अलग होना था. अनुसंधान के स्तर को सुधारने के लिए हर जिले में अनुसंधान विंग बनाने का आदेश अक्टूबर 2020 में तत्कालीन डीजीपी एम वी राव ने आदेश दिया था. आदेश में जिलों के एसपी से तत्काल अनुसंधान विंग गठित करने के लिये कहा गया था. प्रत्येक जिले में अलग से अनुसंधान विंग खोले जाने थे. लेकिन अबतक ऐसा नही हो सका है. थाना स्तर पर अनुसंधान कार्य तेजी लाने के लिये अनुसंधान और विधि व्यवस्था के लिए अलग-अलग यूनिट नही बन सका है. पुलिस बल की कमी के चलते भी इसे आज तक लागू नही किया जा सका. हालांकि रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर, बोकारो और धनबाद में पायलट बेसिस पर इसे लागू करने का प्रयास किया गया, लेकिन धरातल पर अबतक नहीं उतर सका. बताया जा रहा है कि इतने संख्या में एसआई मिलने पर इसे लागू किया जा सकता है.

सोर्स - Newswing

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