Amreshwar Dham: आमेश्वरधाम को झारखंड के दूसरे बाबाधाम के नाम से जाना जाता है। 22 जुलाई को सावन के पहले दिन पहली सोमवारी है। यहां हजारों की संख्या में भक्त भोले को जलाभिषेक करने पहुंचेंगे। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। जिला प्रशासन ने पिछले दिनों आम्रेश्वरधाम परिसर में आम्रेश्वरधाम प्रबंध समिति के साथ बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया। इधर प्रशासनिक स्तर पर भी पूरी तैयारियां कर ली गई है। सोमवार को बोलबम का जयकारा आम्रेश्वरधाम परिसर में गूंजेगा।
आम्रेश्वरधाम खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड अंतर्गत बिचना और तोरपा के अंगराबारी गांव की सीमा पर है। रांची से आमेश्वरधाम की दूरी 35 किमी और खूंटी से 10 किमी है। यहां हर साल सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु भोलेबाबा को जलार्पण करने पहुंचते हैं1979 में जब यहां जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज आए, तो इस धाम का नामकरण आम्रेश्वरधाम के नाम से हुआ। वर्ष 1988-89 में हुए वज्रपात के बाद यहां आम के पेड़ का अस्तित्व घटने लगा और अब धाम में जिस आम के पेड़ के नीचे शिवलिंग हुआ करता था, वह आम का पेड़ धीरे-धीरे खत्म हो गया और बरगद के पेड़ ने स्वतः अपना विशाल रूप ले लिया है। इस धाम को देखरेख के लिए बाबा आमेश्वर धाम प्रबंध समिति गठित है।