1 अप्रैल से झारखंड के सभी बार हो सकते है बंद
झारखंड सरकार की नयी शराब नीति (Jharkhand New Liquor Policy) से राज्य के शराब कारोबारी और बार एवं रेस्त्रां संचालक बेहद परेशान हैं.
रांची. झारखंड सरकार की नयी शराब नीति (Jharkhand New Liquor Policy) से राज्य के शराब कारोबारी और बार एवं रेस्त्रां संचालक बेहद परेशान हैं. इस नीति के विरोध में झारखंड बार एवं रेस्त्रां एसोसिएशन की ओर से सोमवार को रांची के प्रेस क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. संघ के अध्यक्ष रंजन कुमार ने इस संबंध में कहा कि सरकार को सिर्फ राजस्व पर फोकस नहीं करना चाहिए. बल्कि इससे लोगों को मिल रहे रोजगार पर भी ध्यान देना चाहिए. रंजन कुमार ने बताया कि एक बार रेस्त्रां खुलता या चलता है तो सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता है.
बार एवं रेस्टोरेंट एसो. की ओर से बताया गया कि आगामी वित्तीय वर्ष (2022-23) काफी दुखदाई होने वाला है. राज्य सरकार नई उत्पाद नीति लागू करने वाली है, जिसमें छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों की उत्पाद नीति का अध्ययन किया गया है. जिसके बाद छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड ने झारखंड सरकार को उत्पाद राजस्व संवर्द्धन के विषय पर कई सुझाव उपलब्ध कराये हैं. अगर राज्य सरकार इस मॉडल को स्वीकार कर राज्य में शराब नीति को लागू करती है तो राज्य के 80% से ज्यादा बार बंद होने के कगार पर होंगे. इसके लिए मसौदा तैयार कर दिया गया है. करीब 190 पन्नों की यह रिपोर्ट भेजी जा चुकी है, जिस पर विभाग में युद्ध स्तर से काम चल रहा है.
नई नीति के बाद लाइसेंस शुल्क में होगी वृद्धि
इस रिपोर्ट की मानें तो इस बार जनसंख्या के आधार पर बार अनुज्ञप्ति शुल्क (वार्षिक लाइसेंस शुल्क) लगाने की सिफारिश की गई है. अगर किसी शहर की जनसंख्या एक लाख है तो उसकी अनुज्ञप्ति शुल्क कुछ और होगी और किसी जिले की जनसंख्या 3 लाख से ज्यादा है तो वहां के बार अनुज्ञप्ति शुल्क कुछ और ही होगी. तीन लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले जिले/शहर में बार लाइसेंस शुल्क जो वर्तमान में 9 लाख वार्षिक है. उसे करीब तीन गुना बढ़ाकर 24 लाख प्रति वर्ष करने की सिफारिश की गई है. वहीं मॉल में स्थित बार के लिए शुल्क थोड़ी और ज्यादा 31 लाख होगी.
'तो 1 अप्रैल से खुद ब खुद बंद हो जाएंगे सभी बार'
इसके अलावा बार व्यवसायियों को हर महीने शराब के उठाव का कोटा भी बांधने की सिफारिश की गई है. बार एवं रेस्टोरेंट संचालकों के अनुसार अगर राज्य सरकार यह अप्रत्याशित वृद्धि करती है तो आगामी 1 अप्रैल से राज्य के सभी बार खुद ब खुद बंद हो जाएंगे. वहीं इस बारे में झारखंड बार एवम रेस्त्रां संघ के प्रवक्ता अनित सिंह ने 9 लाख से 24 या 31 लाख लाइसेंस शुल्क करने की तैयारी पूरी तरह से गलत फैसला है. सरकार को उद्यमी को बढ़ावा देना चाहिए, व्यापार के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, पर हमारी सरकार रोजगार धंधे को बंद करने की तैयारी में है.