जयपुर से बेटे के आने के बाद पुलिस ने कराया स्क्रैप कारोबारी अमरनाथ का पोस्टमार्टम

Update: 2023-03-14 09:59 GMT

जमशेदपुर न्यूज़: स्क्रैप कारोबारी अमरनाथ के शव पर कहीं जलने का निशान नहीं पाया गया है और न ही चोट के निशान मिले हैं. ऐसे में हत्या की गुत्थी अब भी नहीं सुलझी है.

पुलिस ने उलीडीह की न्यू सुभाष कॉलोनी स्थित प्रभावती भवन से अमरनाथ सिंह का शव बरामद करने के बाद जब पोस्टमार्टम के लिए भेजा तो मौत का कारण आग से जलना बताया था. लेकिन फोरेंसिक टीम ने जांच और पोस्टमार्टम के बाद पाया कि अमरनाथ की मौत जलने से नहीं हुई है. बाहरी तौर पर कहीं गहरे चोट के निशान भी नहीं हैं. लेकिन, जांच के दायरे में पेट में मिला तरल पदार्थ है, इसलिए विसरा को सुरक्षित रख लिया गया है. उसकी जांच कराई जाएगी. इस मामले में एक और बात ताज्जुब वाली है कि शरीर पर कहीं भी जले का निशान नहीं था, लेकिन पुलिस ने पंचनामा में मौत का जो कारण दिया है, वह जलना बताया है. इसके अलावा पुलिस ने किसी भी बिंदू पर मौत के कारणों को जानने का प्रश्न फोरेंसिक टीम से नहीं किया है. आमतौर पर इस तरह की संदिग्ध मौत में पुलिस हत्या, आत्महत्या, जलने, जहर जैसे कारणों पर प्रश्न करते हुए संभावनाओं को स्पष्ट करने का आवेदन करती है.

स्वर्णरेखा बर्निंग घाट पर अंतिम संस्कार अमरनाथ सिंह के बेटे के जयपुर से जमशेदपुर पहुंचने के बाद उसके शव का पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम के बाद शाम चार बजे शव का अंतिम संस्कार स्वर्णरेखा बर्निंग घाट पर कर दिया गया. इधर, मृतक के बेटे से कई बार मीडिया ने बात करने की कोशिश की, लेकिन उसने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

उसने मीडिया को देखते ही कहा कि वह कुछ नहीं कहना चाहता है. सारी बातों को उसने पुलिस को बता दिया है. इससे अधिक वह कुछ भी नहीं बताएगा. इधर, पुलिस ने उसके बेटे से हुए बातचीत के हवाले से बताया कि होली से एक दिन पहले बात हुई थी. उसके बाद बात नहीं हुई. मां की मानसिक स्थित पहले से ठीक नहीं थी. बेटे को भी बिहार से आने वाली मौसी का इंतजार है. उसके आने के बाद पुलिस के सामने फर्द बयान होगा. इस मौत पर उलीडीह थाना प्रभारी विनोद टुडू का कहना है कि अबतक पुलिस की टीम भी मौत के किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है. बेटे का बयान भी नहीं हुआ है. इसलिए इस बिंदू पर पुलिस भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का ही इंतजार करेगी.

ये है मामला

रात उलीडीह की न्यू सुभाष कॉलोनी के प्रभावती भवन से बदबू आने के बाद जब पुलिस मकान के अंदर घुसी तो वहां एक कमरे में एक शव पड़ा था, जो मकान मालिक और स्क्रैप कारोबारी अमरनाथ सिंह का था. शव चार दिनों से उस कमरे में था, जिसे पत्नी ने अंदर से बंद कर रखा था. पत्नी का नाम मीरा सिंह चौधीरी है, जिसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. पुलिस ने शव मिलने के बाद अमरनाथ की पत्नी मीरा चौधरी को हिरासत में ले लिया है. अमरनाथ मूल रूप से बिहार के सीवान जिला के निवासी थे, जबकि मीरा चौधरी बिहार की ही आरा की रहने वाली है.

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