गुमला में शुरू हो रही है एक खास योजना, महिलाओं को मिलेगा लाभ

Update: 2023-06-28 09:14 GMT
गुमला के स्वास्थ्य सेवा को बेहतर करने को लेकर टाटा स्टील फाउंडेशन और गुमला प्रशासन की ओर से एक एमओयू किया गया. इसके तहत जिले के शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में काम किया जाएगा. पांच साल के लिए किए गए इस समझौते को लेकर जिला प्रशासन काफी उत्साहित है. इस एमओयू के तहत जिले में प्रसव को बेहतर तरीके से करवाने को लेकर टाटा स्टील सपोर्ट करेगा. मानसी प्लस के नाम से इस योजना की शुरुआत की गई. इसको लेकर टाटा स्टील के पदाधिकारियों की टीम ने गुमला जिले का दौरा किया. इन लोगों ने जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों से वार्ता कर इसे कैसे बेहतर तरीके से किया जा सकता है. इस मुद्दे पर चर्चा भी की गई.
टाटा स्टील के सीईओ सौरभ राय का कहना है कि जिला मुख्यालय से लेकर पंचायत स्तर तक उनकी टीम मातृ और शिशु मृत्यु दर को न केवल कम करेगा. बल्कि नियमित रूप से गर्भवती महिलाओं की स्टडी करते हुए उन्हें बेहतर सुविधा प्रदान करेगा. इसके पहले भी कोल्हान और सिंहभूम के दुर्गम इलाकों में बेहतर तरीके से काम किया गया है. जिसका परिणाम आज सकारात्मक रूप से हमारे सामने मौजूद है.
शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में पहल
इतना ही नहीं टाटा स्टील फाउंडेशन के पदाधिकारियों की टीम ने सदर अस्पताल का भी दौरा किया और जिला प्रशासन से जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के लिए हर स्तर पर काम करने का भरोसा दिया. वहीं, डीसी सुशांत गौरव का कहना है कि ये समझौता काफी अहम है. इसका लाभ अंतिम पायदान में बैठे व्यक्ति को भी मिलेगा, जिसने कभी सोचा भी नहीं था. टाटा स्टील के पदाधिकारी डॉक्टर अनुज भटनागर ने कहा कि उनका उद्देश्य जिले को स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग करना है ताकि आदिवासी समाज के लोग इसका फायदा ले सकें.
समझौते से उत्साहित है जिला प्रशासन
बात करें गुमला की तो आदिवासी बाहुल इलाके की स्वास्थ्य सुविधा पूरी तरह से सरकारी व्यवस्था पर आश्रित है और सरकारी व्यवस्था किस तरह से चल रही है इसकी जानकारी आए दिन खबरों के माध्यम से सभी को मिलती रहती हैं. ऐसे में टाटा स्टील जैसी बड़ी संस्था जब आगे आकर पहल करे तो उम्मीद लगाई जा सकती है कि जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था में बेहतर सुधार होगा.
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