शिक्षकों के 85 पदों पर एक सप्ताह में होगी नियुक्ति

Update: 2023-03-18 11:03 GMT

राँची न्यूज़: स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने अनुसूचित जिलों में 85 पदों पर नियुक्ति के लिए संबंधित छह जिलों को निर्देश दिया है. शिक्षा सचिव के. रवि कुमार ने इसके लिए गुमला, रांची, लोहरदगा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम व सरायकेला से 25 मार्च तक नियुक्ति पूरी करने को कहा है.

155 पदों की अनुशंसा की गई थी, लेकिन 74 संस्कृत समेत अन्य विषयों के 11 अनुशंसा ही मान्य पाए गये. 85 पदों पर स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. इसमें रांची जिले में संस्कृत के 25, गुमला में संस्कृत के 20, लोहरदगा में संस्कृत के तीन, हिन्दी-जीव विज्ञान-रसायनशात्र के एक-एक, सरायकेला में संस्कृत के पांच, पूर्वी सिंहभूम में संस्कृत के 15 पदों पर नियुक्ति होगी. वहीं, पश्चिमी सिंहभूम में संस्कृत के छह, अंग्रेजी के दो, गणित-भौतिकी के तीन, जीव विज्ञान-रसायनशास्त्रत्त् के दो, भूगोल व अर्थशास्त्रत्त् के एक-एक पद पर नियुक्ति होगी.

झारखंड में 143 एपीपी की नियुक्ति का रास्ता साफ

झारखंड के 143 सहायक लोक अभियोजक(एपीपी) की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. राज्य सरकार और जेपीएससी को 2018 से चल रही एपीपी नियुक्ति प्रक्रिया को अप्रैल में पूरा करने का निर्देश दिया गया है. झारखंड हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र एवं आनंद सेन की खंडपीठ में आदेश के बावजूद नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं किए जाने के खिलाफ दायर अवमानना वाद याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने जेपीएससी को एक पत्र लिखकर पुराने विज्ञापन में हुई नियुक्ति प्रक्रिया को पूरी करते हुए अनुशंसा भेजने का आग्रह किया है. इसके बाद अदालत में तीन सप्ताह में नियुक्ति करने का निर्देश दिया है. 2018 में 143 एपीपी की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार ने जेपीएससी को अधियाचना भेजकर प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था, लेकिन 2022 में उक्त विज्ञापन को रद्द करने का निर्णय लिया गया. इसके बाद झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर एपीपी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने की मांग की गई.

याचिका में कहा गया है कि विज्ञापन जारी करने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया नहीं रोकी जा सकती है. जबकि राज्य सरकार का कहना था कि इस मामले में आर्थिक रूप से गरीब सवर्णों को भी आरक्षण देकर फिर से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

मुकदमों की पैरवी में आ रही थी परेशानी

प्रार्थी ने दावा किया है कि राज्य के निचली अदालतों में एपीपी की कमी है, जिस कारण मुकदमों की पैरवी में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कहा कि यह प्रक्रिया तीन सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी. अवमानना वाद राकेश कुमार सिंह, संगम कुमार व अन्य की ओर से दायर किया गया था. बता दें कि हाईकोर्ट ने बीते 30 नवंबर को जेपीएससी को सारी प्रक्रिया पूरी कर दो माह के अंदर रिजल्ट का प्रकाशन करने का आदेश दिया था. प्रक्रिया पूरी नहीं करने पर अवमानना वाद दायर किया गया था.

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