साहिबगंज। झारखंड के अंतिम छोर पर बसे साहिबगंज जिले में डेंगू ने पांव पसारना प्रारंभ कर दिया है. इसके कारण जिले के लोग भयभीत हैं एवं डेंगू से बचाव को लेकर सतर्क रहने लगे हैं. मिली जानकारी के अनुसार 25 जुलाई 2023 को साहिबगंज जिले के उधवा प्रखंड में डेंगू के मरीज मिले थे. उसके बाद से धीरे-धीरे डेंगू के लक्षण मिलने पर संबंधित लोगों का ब्लड का सैंपल की जांच स्वास्थ्य विभाग के द्वारा की जा रही है. धीरे-धीरे डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है.
साहिबगंज स्वास्थ्य विभाग के जिला मलेरिया सलाहकार डॉक्टर सती बाबू ने बताया कि अभी तक जिला स्वास्थ्य विभाग के द्वारा साहिबगंज जिले के उधवा, राजमहल, साहिबगंज शहरी एवं बोरियो प्रखंड में संभावित 275 लोगों के ब्लड सैंपल की जांच की गयी. इसमें 78 लोग डेंगू पॉजिटिव पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि उधवा में डेंगू के 65, राजमहल में 01, साहिबगंज शहरी क्षेत्र में 11 एवं बोरियो प्रखंड में 01 डेंगू पीड़ित मरीज मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आईआरएस का छिड़काव एक अगस्त से किया जा रहा है. इसके अलावा 27 जुलाई से संबंधित गांव व आसपास के गांव में फॉगिंग कराया जा रहा है. सर्वे टीम के द्वारा कंटेनर सर्वे कराया जा रहा है. अधिक मात्रा में जलजमाव में टेमोफोस केमिकल का स्प्रे किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी के द्वारा डोर टू डोर जाकर सैंपल का कलेक्शन किया जा रहा है.
साहिबगंज जिले में अब तक मिले 78 डेंगू के मरीज मिले हैं. सभी डेंगू पीड़ित मरीज अपना इलाज पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के मालदा जिले एवं बिहार राज्य के भागलपुर मेडिकल कॉलेज में करा रहे हैं. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उधवा प्रखंड के सभी 65 डेंगू पीड़ित मरीज पश्चिम बंगाल के मालदा में जाकर अपना इलाज करा रहे हैं. डेंगू के बढ़ते मामले को लेकर साहिबगंज जिले के लोगो की चिंता बढ़ गई है. जिला स्वास्थ्य विभाग जिले के वैसे गांव जहां डेंगू के मामले मिले हैं. वहां पर टीम लगाकर टेमोफोस केमिकल का स्प्रे करा रही है.
साहिबगंज सदर अस्पताल परिसर स्थित ब्लड बैंक के एक कर्मचारी ने बताया कि पिछले एक वर्ष से ब्लड बैंक में प्लेटलेट सेपरेटर मशीन रखी पड़ी है. जिला मलेरिया सलाहकार डॉक्टर सती बाबू ने बताया कि प्लेटलेट सेपरेटर मशीन के संचालक के लिए लाइसेंस व मेडिकल ऑफिसर की जरूरत होती है.