रांची रेलवे स्टेशन पर 55 यात्री मिले कोरोना पॉजिटिव

देश समेत झारखंड में कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. विभाग द्वारा जारी किये गये दैनिक केसेस के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना राज्य में चार गुणा तेजी से बढ़ रहा है

Update: 2021-10-23 17:16 GMT

देश समेत झारखंड में कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. विभाग द्वारा जारी किये गये दैनिक केसेस के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना राज्य में चार गुणा तेजी से बढ़ रहा है. रांची में एक बार फिर कोरोना ब्लास्ट का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि शनिवार को रांची पहुंते 55 यात्री कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. सकारात्मक केस वाले सभी यात्री सभी यात्री तपस्विनी एक्सप्रेस और राउरकेला पैसेंजर से हटिया स्टेशन पर उतरे थे. इस दौरान जांच की गयी, तो 1508 यात्रियों में 55 यात्री कोरोना संक्रमित पाये गये. दरअसल तपस्विनी एक्सप्रेस और राउरकेला पैसेंजर के यात्री शनिवार को झारखंड की राजधानी रांची के हटिया रेलवे स्टेशन पर उतरे. इस दौरान ट्रेन से उतरे 1508 यात्रियों की कोरोना जांच की गयी. इनमें आरटीपीसीआर से 754 यात्रियों की जांच की गयी, जबकि रैपिड एंटीजन टेस्ट के जरिये से 754 यात्रियों की जांच की गयी.

झारखंड में खत्म नहीं हुआ कोरोना का खतरा
इससे यह माना जा रहा है कि झारखंड में कोरोना का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है. क्योंकि प्रदेश में लगातार कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं. राज्य में सक्रिय केसों की संख्या बढ़ती जा रही है. कोरोना के बढ़ते आंकड़े ये संकेत दे रहे हैं कि तेजी से कोरोना फिर पांव पसारने लगा है. त्योहारों का सीजन चल रहा है ऐस में कोरोना के बढ़ते मामले खतरे का संकेत है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पिछले 30 दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या चार गुना से ज्यादा बढ़ गयी है. 20 सितंबर को राज्य में एक्टिव केस 55 थे, जो 22 अक्तूबर को बढ़ कर 225 से ज्यादा हो गये हैं. संक्रमितों की संख्या बढ़ने से सरकार की चिंता भी बढ़ गयी है. सबसे ज्यादा 98 एक्टिव केस रांची जिला में हैं.
शुक्रवार को आये थे 26 नये मामले
बता दें कि शुक्रवार को राजधानी रांची में कोरोना संक्रमण के 26 नये मामले सामने आये थे जबकि रेलवे स्टेशन पर आ रहे यात्रियों की जांच के दौरान 19 कोरोना संक्रमित पाए गये थे. जबकि रांची के अलग अलग लैब से मिली रिपोर्ट के मुताबिक सात लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गये थे. आगामी त्योहारो को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने 100 दिनों को बेहद अहम बताया था और 31 दिसंबर तक के लिए राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों को दिशा निर्देश जारी किये गये थे. विभाग ने स्टेशन, बस स्टैंड और एयरपोर्ट पर भी जांच का दायरा बढ़ाने का निर्देश दिया था. साथ ही यह आदेश दिया था कि सभी जिलों के एंट्री प्वाइंट में जो भी लोग कोरोना पॉजिटिव पाये जाएंगे उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाए.
कोरोना जांच गति में आयी कमी
झारंखड में पिछले तीन महीने से कोरोना जांच की गति काफी धीमी हुई है. तीन महीने पहले तक राज्य में प्रतिदिन 50 हजार सैंपल की जांच होती थी, पर अब यह आंकड़ा 30 हजार प्रतिदिन हो गया है. इतना ही नहीं मरीज मिलने के बाद न तो उनकी ट्रैकिंग हो रही है और न उनके संपर्क में आने वालों की ट्रेसिंग की जा रही है.


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