डीड में 1.78 करोड़ का जिक्र, भुगतान मात्र 25 लाख

Update: 2023-07-07 06:22 GMT

राँची न्यूज़: रांची में जमीन के खेल में शामिल सिंडिकेट ने एक ही तरीके से जमीन लूट को अंजाम दिया. सेना की 4.55 एकड़ की डील में जिस तरह सात करोड़ का फर्जी भुगतान दिखाकर फर्जी मालिक प्रदीप बागची ने महज 25 लाख रुपये जगतबंधु टी एस्टेट से लिए थे, ठीक उसी तरह चेशायर होम रोड की जमीन की डील में एक करोड़ 78 लाख 55 हजार 800 रुपये का फर्जी भुगतान दिखाया गया था.

राजेश राय से पावर लेकर भरत प्रसाद व इम्तियाज अहमद ने पुनीत भार्गव के फर्म शिवा फैवकान्स से महज 25 लाख रुपये लिए थे. शेष भुगतान इस डीड में फर्जी दिखाया गया था. पुनीत भार्गव के नाम पर सेल डीड 6 फरवरी 2021 को बना था. बाद में पुनीत भार्गव ने यह जमीन एक अप्रैल 2021 को विष्णु अग्रवाल को बेची थी. इस सेल डीड में 1.80 करोड़ के भुगतान का जिक्र है. ईडी ने अपनी जांच में विष्णु अग्रवाल को मनी लाउंड्रिंग का संदेही माना है. ईडी ने लिखा है कि एक एकड़ जमीन पर फर्जीवाड़ा तो हुआ ही गलत दस्तावेजों के आधार पर आपराधिक साजिश रचकर कब्जा भी कर लिया गया.

25 में 18 लाख ग्रीन ट्रेडर्स के खाते में ट्रांसफर

ईडी ने जांच में पाया है कि पुनीत भार्गव की कंपनी से 25 लाख रुपये ट्रांसफर होने के बाद इसमें से 18 लाख रुपये तत्काल मो सद्दाम हुसैन की कंपनी ग्रीन ट्रेडर्स के खाते में ट्रांसफर हुए. सद्दाम हुसैन को ईडी ने 13 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. वह फर्जी दस्तावेज बनाने वाले अफसर अली के गिरोह का सदस्य है. ईडी ने जांच में पाया है कि आपराधिक षड्यंत्र के तहत 25 लाख रुपये खाते में लिए गए, इसके बाद इसका बंटवारा सिंडिकेट के सदस्यों ने बैंक खाते व कैश निकाल कर किया. ईडी ने लिखा है कि बड़गाईं अंचल व रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस से दस्तावेज लेकर जांच किए जाने के बाद यह साबित हो चुका है कि दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर जमीन की रजिस्ट्री कराई थी.

सदर थाने में दर्ज केस बना ईसीआईआर का आधार

सदन थाने में आठ सितंबर 2022 को दर्ज केस 399/2022 के आधार पर खाता नंबर 37, प्लॉट नंबर 28 की गाड़ी मौजा की एक एकड़ जमीन के फर्जी पेपर के जरिए हड़पने के केस में भरत प्रसाद व राजेश राय को आरोपी बनाया गया. राजेश ने जमीन कब्जाने के लिए डीड 184/1948 में छेड़छाड़ करवायी. इसके बाद पावर ऑफ अटार्नी इम्तियाज अहमद और भरत प्रसाद को दिया. इसके बाद जमीन की रजिस्ट्री पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश के करीबी पुनीत भार्गव को की गई. जमीन की डील में एक अन्य आरोपी लखन सिंह पहचानकर्ता बना था. इस मामले में जल्द ही बड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है.

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