राँची न्यूज़: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर संचालित तेजस्विनी परियोजना की मियाद अगस्त 2023 में खत्म हो जायेगी. इसके कारण इससे जुड़े 10 हजार कर्मियों पर बेरोजगार होने का संकट मंडराने लगा है.
तेजस्विनी परियोजना के निदेशक छवि रंजन ने इस आशय का एक पत्र 5 अप्रैल को सभी संबंधित एनजीओ के नाम जारी किया है. झारखंड सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अंतर्गत तेजस्विनी परियोजना संचालित है. 14 से 24 वर्ष आयु की किशोरियों एवं युवतियों के सशक्तिकरण के लिए तेजस्विनी परियोजना झारखंड के 17 जिले में कार्य कर रही है. यह विश्व बैंक के सहयोग से संचालित एक महत्वकांक्षी परियोजना है. वर्तमान में तेजस्विनी परियोजना राज्य की 2876 पंचायत 20838 ग्राम आच्छादित है. राज्य की लगभग 1089063 किशोरियां व युवतियां लगातार 4 वर्ष पूर्व से लाभान्वित होते आ रही है. लगभग 9605 किशोरियों और युवतियों ने व्यापारिक व व्यवसायिक कौशल प्रशक्षिण प्राप्त की है. लगभग 1300000 किशोरियां और युवतियों ने तेजस्विनी परियोजना के माध्यम से शिक्षण प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रतीक्षा में हैं. जिसमें 50000 किशोरियों एवं युवतियों की काउंसलिंग कर प्रशक्षिण संबंधित ट्रेड का निर्धारण किया जा चुका है.
राज्य के विभिन्न जिलों में तेजस्विनी परियोजना से जुड़े कर्मचारियों एवं विशेषज्ञों ने कहा है कि महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत तेजस्विनी परियोजना के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए परियोजना को सुचारू रूप से चलाया जाए ताकि 13 लाख किशोरियों का भविष्य अधर में न लटके. एक नया जीवन यापन करने की वह उम्मीद पर पानी न फिरे. इन से जुड़े सभी 10039 कर्मी एवं उनके परिवार का भरण पोषण भी परियोजना के हित में है. ऐसे में उनके घर में भुखमरी की स्थिति पैदा ना हो जिसके लिए सरकार को एक बृहत कदम उठाना जरूरी है.