करंट लगने से मृत बच्चों के परिजन को मिले 10 लाख रुपया मुआवजा

सांसद संजय सेठ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. कांके में बिजली विभाग की लापरवाही के कारण असमय जान गंवाने वाले बच्चों के परिजनों को 10 लाख रुपया मुआवजा दें

Update: 2022-08-18 12:50 GMT
Ranchi: सांसद संजय सेठ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. कांके में बिजली विभाग की लापरवाही के कारण असमय जान गंवाने वाले बच्चों के परिजनों को 10 लाख रुपया मुआवजा दें. साथ ही रांची सहित पूरे झारखंड में निजी व सरकारी भवनों के अगल-बगल या ऊपर से गुजर रहे हाईटेंशन तार को दूसरे जगह शिफ्ट किया करने या उसे कवर किये जाने की भी मांग की है. सांसद के मुताबिक 14 अगस्त की रात में कांके में एक घर में बिजली का करंट दौड़ जाने के कारण एक ही परिवार के तीन बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. उस घर का चिराग बुझ गया. इस घटना में विशुद्ध रूप से बिजली विभाग की लापरवाही है. परिवार के लोग कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों से आग्रह कर चुके थे कि उनके घर के ऊपर से हाईटेंशन के तार को या तो कहीं और शिफ्ट किया जाए या फिर उसे कवर कर दिया जाए परंतु अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया. लापरवाही के कारण परिवार को अपने बच्चे खोने पड़े. सरकार इस मामले की जांच कराए. जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो क्योंकि ये बच्चे अपने परिवार के भविष्य थे. इनमें से एक बच्ची की नौकरी लगने वाली थी. वह परिवार का सहारा बनने वाली थी. इस हादसे के बाद से परिवार कई तरह के संकटों से घिर गया है.
बिजली के नंगे तारों के मामले में हो पहल
सांसद ने कहा कि उनके पास भी ऐसी कई शिकायतें आती हैं कि कहीं किसी व्यक्ति के घर के ऊपर से, कहीं किसी सरकारी विद्यालय के ऊपर से हाईटेंशन के तार गुजरे हैं. इसे लेकर अक्सर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. स्थानीय नागरिकों व ग्रामीणों ने इस मामले में कई बार उनसे आग्रह किया है कि तारों को कहीं और शिफ्ट किया जाए या उसे कवर किया जाए परंतु बिजली विभाग के लोग ऐसे मामलों पर संज्ञान लेना जरूरी नहीं समझते. यह समस्या सिर्फ रांची की समस्या नहीं है बल्कि पूरे राज्य की समस्या है. इस मामले में गंभीरता बरती जाए. रांची सहित पूरे राज्य में जहां भी इस तरह की स्थिति है, वहां हाईटेंशन तार को या तो वहां से किसी दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए. उन तारों को बेहतर तरीके से कवर किया जाए.
Chandan

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