तस्करी कर ले जाई गई 1 किशोरी और दो महिलाओ को एमपी से छुड़ाया, पांच लोग गिरफ्तार
पूर्वी सिंहभूम जिला पुलिस ने झारखंड से मानव तस्करी कर मध्यप्रदेश ले जाई गई
पूर्वी सिंहभूम जिला पुलिस ने झारखंड से मानव तस्करी कर मध्यप्रदेश ले जाई गई. साबर जनजाति की दो महिलाओं और एक किशोरी को मुक्त कराया है और इस सिलिसले में एक महिला समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एम तमिल वनान ने बताया कि जिले के घाटशिला उपमंडल के हतियापटा गांव के एक निवासी ने ओडिशा के एक सहयोगी के साथ मिलीभगत कर किशोरी सहित तीन महिलाओं को बेचा था। सभी महिलाएं पहाड़पुर गांव की साबर बस्ती की रहने वाली हैं।
साबर जनजाति की महिला के पिता द्वारा एक प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी जिसमें कहा गया था कि मुख्य आरोपी ने दो महीने पहले मध्यप्रदेश में चूड़ी के कारखाना में नौकरी लगाने का झांसा देकर पहाड़पुर गांव की साबर बस्ती निवासी उनकी बेटी और चार अन्य महिला जिसमें एक नाबालिग भी शामिल है, को अपने साथ ले गया था।
एसएसपी ने कहा कि अपनी बेटी के जाने के बाद से कोई खबर नहीं मिलने पर उस व्यक्ति ने पुलिस से संपर्क किया और प्राथमिकी दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस उपाधीक्षक (मूसाबोनी) चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस दल छह जनवरी को मध्यप्रदेश भेजा गया और किशोरी सहित तीनों महिलाओं को मुक्त करा लिया गया। साथ ही, मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
साबर जनजाति मुंडा जातीय समूह से संबंधित है और उन्हें आपराधिक जनजाति अधिनियम 1871 के तहत 'आपराधिक जनजातियों' में से एक के रूप में वर्गीकृत किया गया है और ये आधुनिक समय में सामाजिक कलंक से पीड़ित हैं। एसएसपी वनान ने कहा कि महिलाओं को नौकरी देने के बहाने बहला-फुसलाकर देह व्यापार में धकेल दिया गया। उन्हें एक होटल में बंद करके रखा गया था और मध्यप्रदेश और राजस्थान में बेचे जाने से पहले आरोपियों ने उनके फोन छीन लिए थे।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार की गई महिला पिछले 25 सालों से तस्करी में संलिप्त है। उन्होंने कहा कि वह पूर्वी सिंहभूम जिले की रहने वाली है और मध्यप्रदेश में रहती है।वनान ने कहा कि जिला पुलिस की एक-एक टीम अभी भी उन दो महिलाओं का पता लगाने के लिए मध्यप्रदेश और राजस्थान में डेरा डाले हुए है, जिन्हें बचाया जाना बाकी है।गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों में से मुख्य आरोपी के अलावा सभी मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं।