झारखंड की सियासत में शह-मात का खेल जारी, बड़ा सवाल- आखिर विधायकों के पास से बरामद कैश किसके?
The game of check-out continues in the politics of Jharkhand, the big question - after all, whose cash recovered from the MLAs?
Gyan Ranjan
Ranchi: झारखंड की सियासत में शह मात का खेल जारी है. कांग्रेस के तीन विधायकों से भारी मात्रा में मिली नकदी और उनकी गिरफ्तारी के बाद भी सूबे में चल रहे सियासी ड्रामे की पोल का पटाक्षेप होता दिखाई नहीं दे रहा है. लाख टके का सवाल अभी भी अनसुलझा हुआ है कि आखिर विधायकों के पास से बरामद कैश किसके? इस बड़े सवाल का माकूल जवाब किसी को नहीं सूझ रहा है. इस घटनाक्रम के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. ना तो कांग्रेस पार्टी इस सवाल का सटीक जवाब दे पा रही है और ना ही प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा जवाब दे रही है. इधर राजनीति के अंदरखाने से यह खबर छनकर आ रही है कि कांग्रेस पार्टी के दर्जनभर बागी विधायक दोनों खेमे के संपर्क में हैं. पूरे प्रकरण पर राजनीतिक दलों की सधी हुई टिप्पणी मामले को सुलझाने की बजाय और उलझा रही है. बड़े नेताओं के ट्वीटर चुप है, फेसबुक मौन. कहां से मिला कैश, कहां जा रहे थे लाखों रुपये लेकर तीनों विधायक, यह सवाल अभी भी अनसुलझा है.
कांग्रेस दे रही है असम कनेक्शन का हवाला
जब से झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनी है तभी से कांग्रेस विधायकों के टूट की बात बार बार सामने आ रही है. राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के 9 विधायकों के क्रॉस वोटिंग के बाद पार्टी में टूट की संभावना और ज्यादा बलवती हो गयी थी. लगातार इससे संबंधित खबरे चर्चा में भी थी. पहले भी विधायकों की खरीद फ़रोख्त मामले पर विधायक अनूप सिंह और झामुमो विधायक रामदास सोरेन ने मामला दर्ज कराया था. अब जब कांग्रेस के विधायक कैश के साथ गिरफ्तार हुए हैं तो इसपर पार्टी असम कनेक्शन का हवाला दे रही है. पहले दिल्ली मुख्यालय से कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डेय ने यह बयान दिया कि महाराष्ट्र के तर्ज पर झारखंड के विधायकों को असम ले जाने की सूचना पार्टी को मिल रही थी और इस कार्य में भाजपा शासित राज्य के एक मुख्यमंत्री अपने आका के कहने पर लगे हुए हैं. कहा कि वह इस बात का बहुत जल्द ऑडियो जारी करेंगे. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ विधायक अनूप सिंह ने जीरो एफआईआर दायर किया जिसमें असम के मुख्यमंत्री का नाम तक लिखा हुआ है
दोनों खेमे के लिए तुरुप का पत्ता हैं बागी विधायक
आंकड़ों के नजरिए से देखें तो बागी विधायकों का यह टोला राज्य सरकार को अस्थिर करने और बचाने दोनों का दमखम रखता है. इस पूरी पहेली को समझना कुछ मुश्किल है लेकिन झारखंड विधानसभा के मौजूदा संख्या बल को सरकार बनाने के जरूरत के तराजू पर तौलेंगे तो तो पता चल ही जाएगा कि बगैर कांग्रेस किसी का काम नहीं चलना है. यह काम दो तिहाई से भी चल जाएगा. स्पष्ट है बागी विधायक झामुमो और भाजपा दोनों के लिए तुरुप का पत्ता हैं. झारखंड में तेजी से बदलती राजनीतिक परिस्थिति को देखें तो पिछले राज्यसभा चुनाव में भाजपा को 31 विधायकों का समर्थन हासिल हुआ था. राष्ट्रपति चुनाव तक वह झामुमो के सहयोग से यह आंकड़ा 71 तक पहुंच गया. जाहिर है झामुमो को हटा दें तो इस बीच भाजपा ने 10 विधायक और जोड़े या वो स्वत: जुड़ गए. यह आंकड़ा मैजिक नंबर के करीब दिखाई दे रहा है.
वहीं, झामुमो भी इन माननीयों को साथ ले तो भी वह मैजिक नंबर के करीब है. एक दो विधायकों की बढ़त किसी भी राजनीतिक दल को कंफर्टेबल जोन में खड़ा करती है. ऐसी परिस्थिति में पैसा किसका है यह और बड़ा मुश्किल सवाल बनकर उभरता है. पूरे प्रकरण पर राजनीतिक दलों की सधी हुई प्रक्रिया भी उलझा रही है. पैसे की आवाजाही के रूट को लेकर भी अब तक ऊहापोह है.
इसके पीछे भाजपा, बताए पैसा कहां से आया : राजेश ठाकुर
झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने दावा किया है कि पूरे देश में गैर भाजपा सरकारों को गिराने की साजिश में भाजपा लंबे समय से लगी है और इसके कई उदाहरण अभी तक मिल चुके हैं. ठाकुर ने कहा कि यह घटना दुखद है, निंदनीय है और जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं उससे स्पष्ट हो गया कि गैर भाजपा शासित राज्यों में सरकार गिराने का कार्यक्रम जारी है. जनता किसी को चुनकर भेजे लेकिन सरकार कोई और बना ले. इस पर पूरे देश को सोचना होगा. राजेश ठाकुर ने कहा कि हम सारी बातों से पार्टी नेतृत्व को अवगत करा रहे हैं और इसमें दोषी कहीं से बचेंगे नहीं. ऐसे में पैसा कहां से आया, यह बात तो विधायक ही बता सकते हैं. सरकार के पास विधायकों की गतिविधियों की जानकारी मिल रही थी.
कहीं ना कहीं असम केंद्र बना हुआ है, जहां से साजिश रची जा रही है. हम ख्याल रखते हैं कि हमारे विधायक कहां हैं और जिस तरह की साजिश चल रही थी, उसके अनुसार मानसून सत्र में सरकार के गिराने की तैयारी स्पष्ट दिख रही है. यह पूछे जाने पर कि भाजपा सवाल कर रही है कि कांग्रेस अपने विधायकों को समेटकर नहीं रख पाती तो भाजपा पर आरोप लगाती है, राजेश ठाकुर ने पूछा अगर भाजपा नहीं थी तो इतना पैसा कहां से आया.
भ्रष्टाचार में लिप्त सरकार जनता को कर रही दिग्भ्रमित:दीपक प्रकाश
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि झारखंड की सत्ताधारी पार्टियां भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है. रोज नए मामले उजागर हो रहे. ईडी की जांच लगातार चल रही है. पदाधिकारियों से लेकर सत्ताधारी नेताओं के ठिकानों पर करोड़ो बरामद हुए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस झामुमो जनता को दिग्भ्रमित कर रहे हैं. कहा कि कांग्रेस झामुमो जनता का ध्यान भटकाना बंद करे. कांग्रेस विधायकों के पास बरामद पैसे झारखंड के गरीब जनता के पैसे हैं. भ्रष्टाचार और लूट के पैसे है उन्हें बताना चाहिये झारखंड के पैसे को पश्चिम बंगाल में कहाँ निवेश किया जा रहा था.कांग्रेस बताए कि इतने पैसे कहां से आए.
सॉर्सो- News Wing