गिरिडीह जिले में स्वास्थ्य सेवा फिसड्डी

स्वास्थ्य सेवा में गिरिडीह जिला फिसड्डी साबित हो रहा है

Update: 2022-07-31 11:41 GMT

iridih : स्वास्थ्य सेवा में गिरिडीह जिला फिसड्डी साबित हो रहा है. चिकित्सकों की कमी से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था कराह रही है. जिले की करीब 29 लाख आबादी को स्वास्थ्य सेवा देने में विभाग पूरी तरह नाकाम रहा है. जिले में चिकित्सकों के 157 पद सृजित हैं. वहीं पदस्थापित मात्र 72 चिकित्सक हैं. सदर अस्पताल में विगत 25 वर्षों से त्वचा रोग विशेषज्ञ नहीं हैं. वर्ष 2015 में इस अस्पताल को आईएसओ का दर्जा मिला था. आलम यह है कि जिला प्रशासन की पैनी निगाह के बावजूद स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. सिविल सर्जन चिकित्सकों पर लगाम लगाना शुरू करते हैं तो चिकित्सक उन्हें ही परेशान करना शुरू कर देते हैं. ऐसी घटना पूर्व सिविल सर्जन डॉ. रामरेखा प्रसाद के साथ घट चुकी है. पूर्व सीएस ने अस्पताल की हालत सुधारने की कोशिश की तो उनके आवास में विस्फोटक रख दिया गया.

सदर अस्पताल सहित विभिन्न प्रखंडों में चिकित्सकों की संख्या निम्न है- सदर अस्पताल में 33 की जगह 14 चिकित्सक पदस्थापित, सदर प्रखंड में 9 की जगह 4, जमुआ प्रखंड में 10 की जगह 4, बगोदर में 11 की जगह 5, डुमरी में 14 की जगह 6, धनवार में 12 की जगह 4, बेंगाबाद में 7 की जगह 3, गांडेय में 7 की जगह 3, बिरनी में 11 की जगह 3, देवरी में 7 की जगह एक, तिसरी में 9 की जगह 4, गावां में 9 की जगह 4 चिकित्सक.
दो रेफरल और 180 उप स्वास्थ्य केंद्र
जिले में 2 रेफरल अस्पताल, 180 उप स्वास्थ्य केंद्र, 15 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. सभी स्वास्थ्य केंद्र एएनएम के भरोसे चल रही है.
सरकार को भेजा गया पत्र
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. उपेंद्र दास ने कहा कि चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए राज्य सरकार को कई बार पत्र भेजा जा चुका है. बावजूद इसके चिकित्सकों की कमी दूर नहीं की जा रही है.

by Lagatar News

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