Jhansi News: उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र में 15 नवंबर को आग लगने की घटना में दो और नवजात शिशुओं की मौत हो गई है। अब मरने वाले बच्चों की संख्या 17 हो गई है। बच्चों की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है। वहीं कई बच्चों का इलाज चल रहा था और ठीक होने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। आपको बता दें कि एनआईसीयू वार्ड में आग लगते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई और वहां मौजूद स्टाफ और लोगों ने जैसे-तैसे बच्चों को बाहर निकाला। हादसे की सूचना मिलते ही अस्पताल प्रशासन, बचाव दल और दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं।
स्थिति इतनी भयावह थी कि खिड़कियों की जालियां तोड़कर शिशुओं को बाहर निकाला गया। मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने बताया था कि जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात शिशु भर्ती थे। 45 नवजात शिशुओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। इस हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद इलाज के दौरान 7 बच्चों की मौत हो गई। जिसके बाद 17 बच्चों की मौत हो गई। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सचिन माहुर ने बताया कि शनिवार को ललितपुर निवासी राधा पत्नी प्रीतम और तालबेहट निवासी पूनम पत्नी रंजीत के बच्चों की मौत हो गई थी। इनकी मौत जन्म के बाद बीमारी के चलते हुई थी। इन दोनों शिशुओं को जलाया नहीं गया था।
अब तक 28 नवजातों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। वहीं, हादसे के बाद कमिश्नर और डीआईजी की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई गई थी, जिसे लेकर मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट मांगी थी। इस चार सदस्यीय कमेटी ने इस मामले में गहन जांच की। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण किंजल सिंह के नेतृत्व में टीम दो दिन मौके पर जांच कर रिपोर्ट तैयार कर लौट आई है।