जम्मू और कश्मीर: शांति भंग’ करने के आरोप में एक सप्ताह पहले हिरासत में लिए गए युवा राजपूत सभा के 25 से अधिक सदस्यों को रविवार को रिहा कर दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हिरासत में लिये गए वाईआरएस सदस्यों की बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को जम्मू संभाग के ज्यादातर हिस्सों में बंद रखा था। उसके एक दिन बाद इन लोगों को रिहा किया गया है। व्यापारियों द्वारा प्रायोजित ‘जम्मू बंद’ में शनिवार को स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का भी विरोध किया गया और सांबा जिले में जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर बने सरोर टोल प्लाजा को हटाने के लिए भी दबाव बनाया गया।
सरोर टोल प्लाजा को हटाने की मांग को लेकर वाईआरएस द्वारा 21 अगस्त को किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान, संगठन के कई कार्यकर्ताओं को टोल प्लाजा के आसपास प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के लिए हिरासत में लिया गया था। अधिकारियों ने टोल प्लाजा और आसपास के इलाकों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी थी, जिसके तहत वहां चार या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लग गई। रविवार को 26 वाईआरएस कार्यकर्ताओं की रिहाई के बाद, अधिकारियों ने कहा कि हिरासत में लिए गए संगठन के सभी सदस्यों को आज दिन में कठुआ जेल से रिहा कर दिया गया।
वाईआरएस के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने अपनी रिहाई के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम लोगों के समर्थन और हमारी रिहाई के लिए सड़कों पर उतरने के लिए उनके आभारी हैं। भविष्य की रणनीति तय करने के लिए जल्द ही हमारी कोर कमेटी की बैठक होगी।’’ वाईआरएस के पूर्व अध्यक्ष राजन सिंह हैप्पी ने लोगों से एकजुट होने का आग्रह किया और कहा कि वे लोगों के अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। हैप्पी ने कहा, ‘‘हमारी दिलचस्पी जनता के मुद्दों के समाधान में है। हम टकराव या किसी को नीचा दिखाने में विश्वास नहीं करते हैं। हम किसी व्यक्ति या पार्टी के खिलाफ नहीं हैं।