लंपी से निपटने के लिए टीकाकरण की तैयारी, संभाग में मवेशियों का होगा टीकाकरण
माल-मवेशी में बढ़ते लंपी स्किन डिसीज से निपटने के लिए पशुपालन विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में टीमें पहुंच कर मवेशियों की सेहत का मुआयना किया जा रहा है। यहां हुए वेबिनार में इस बीमारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
माल-मवेशी में बढ़ते लंपी स्किन डिसीज से निपटने के लिए पशुपालन विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में टीमें पहुंच कर मवेशियों की सेहत का मुआयना किया जा रहा है। यहां हुए वेबिनार में इस बीमारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
लाइव स्टाक डेवलपमेंट बोर्ड जम्मू के सीईओ ने जानकारी दी कि इस बीमारी से माल मवेशियों को बचाने के लिए जल्दी ही जम्मू संभाग में टीकाकरण अभियान भी शुरू होगा। इस दिशा में तमाम औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है। जल्दी ही टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होगा। पशुपालन विभाग ने वेबिनार का आयोजन कर इस बीमारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई और इससे बचने के तरीकों से भी अवगत कराया गया। कार्यक्रम पशुपालन निदेशालय की ओर से कराया गया। मौके पर पशुपालन विभाग के निदेशक कृष्ण लाल भी उपस्थित थे।
डेयरी मवेशियों में फैल रही इस बीमारी के संक्रमण के बारे में पशुपालन विभाग के उप निदेशक डा. जावेद कटोच ने विस्तार से जानकारी दी। वहीं उन्होंने किसानों से कहा कि वे सचेत रहें और पशुपालन विभाग द्वारा दी गई सलाह का पालन करे। नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के सीनियर वैज्ञानिक डा. गोपाल ने पावर प्वाइंट के जरिए इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि सतर्कता ही बचाव है। बीमार मवेशियों का सही से देखभाल होनी चाहिए।
शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी जम्मू के सीनियर वैज्ञानिक डा. राजेंद्र भारद्वाज ने बीमार के बारे में लोगो में फैले विभिन्न संदेह का निवारण किया और वहीं कहा कि कैसे कम खर्च में बीमार मवेशी का इलाज किया जा सकता है।
युद्धस्तर पर काम करने की जरूरत :
जम्मू-कश्मीर डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन के प्रधान कुलभूषण खजुरिया ने कहा कि युद्ध स्तर पर इस बीमारी के संक्रमण से लड़ने का काम शुरू होना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में साफ सफाई कराई जाए क्योंकि यह बीमारी मक्खी मच्छर के जरिए फैल रही है। वहीं दूसरी ओर हर मवेशी का टीकाकरण मुफ्त में लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डेयरी किसानों पर इस समय बड़ा संकट आया हुआ है। सभी विभाग गंभीरता से काम कर रहे हैं मगर अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। गांव गांव में किसानों को जागरूक किया जाना चाहिए ।