जम्मू संभाग के डोडा जिले में महसूस किए दो हल्के भूकंप के झटके

उन्होंने कहा कि शनिवार सुबह 4.32 बजे आए पहले भूकंप का केंद्र भद्रवाह शहर से 26 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में 32.87 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 75.46 डिग्री पूर्व देशांतर 10 किलोमीटर की गहराई पर था।

Update: 2022-08-27 08:39 GMT

जम्मू संभाग के डोडा जिले में शनिवार को दो हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए। अधिकारियों के अनुसार, सुबह साढ़े चार घंटे के भीतर 2.9 और 3.4 तीव्रता के झटके महसूस किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि शनिवार सुबह 4.32 बजे आए पहले भूकंप का केंद्र भद्रवाह शहर से 26 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में 32.87 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 75.46 डिग्री पूर्व देशांतर 10 किलोमीटर की गहराई पर था। इसके बाद डोडा शहर से पांच किलोमीटर दक्षिण पूर्व में सुबह 9.6 बजे एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए।
मंगलवार से शनिवार के बीच जम्मू संभाग के डोडा, किश्तवाड़, कटरा (रियासी) और उधमपुर जिलों में हल्की तीव्रता वाले कुल 13 भूकंप आ चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
जम्मू संभाग में लगातार डोल रही धरती खतरे का संकेत दे रही है। विशेषज्ञों के अनुसार टेक्टॉनिक प्लेट पर चंबा, किश्तवाड़, उधमपुर और कटड़ा टिका है, जिसमें दबाव बढ़ने से भूकंप के झटके बढ़े हैं। ये क्षेत्र लंबे समय से और हाल के दिनों में टेक्टॅनिक रूप से अधिक सक्रिय हुए हैं।
भूकंप की सबसे ज्यादा खतरे वाली श्रेणी में आने वाले जम्मू कश्मीर को बड़े भूकंप की स्थिति से निपटने की तैयारी करने की जरूरत है। पुराने इतिहास और हाल के दशकों में आए भूकंप के ट्रेंड समेत भूगर्भीय हलचल पर आधारित अध्ययन यहां बड़े भूकंप के खतरे की ओर इशारा कर रहे हैं।

किश्तवाड़ के जंगलवार इलाके में वर्ष 2013 में 5.7 की तीव्रता वाला भूकंप आ चुका है। इसी तरह वर्ष 1962 में 6.2 और 1951 में 6.4 की तीव्रता वाला भूकंप चंबा में आया था, जिसका सीधा असर जम्मू कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्रों पर दिखा था। जम्मू विश्वविद्यालय में ज्योलाजी विभाग के प्रोफेसर जीएम भट्ट के अनुसार जम्मू कश्मीर सिस्मिक जोन 4 और 5 की श्रेणी में आता है। यहां 8 या इससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप भी आ सकते हैं, जबकि निर्माण कार्यों में भूकंप रोधी पहलू पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।


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