जम्मू और कश्मीर: कभी अलगाववाद और आतंकवाद से प्रभावित रहा जम्मू कश्मीर में सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा सपना बुना है. जम्मू कश्मीर सरकार प्रदेश की छात्राओं को नवभारत से जोड़ने के लिए उन्हें ट्रेन के जरिए कई स्थानों पर ले जाएगी. इस योजना के तहत जम्मू और कश्मीर के विश्वविद्यालय और कॉलेजों में पढ़ रही 800 से ज्यादा छात्राओं का चयन किया जा रहा है, जो देश के सात बड़े शहरों के आईआईटी, विश्वविद्यालय एवं अन्य उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों का भ्रमण करेंगी. इन छात्राओं के साथ इस प्रोग्राम में 100 शिक्षक भी जाएंगे.
इस पूरे प्रोग्राम का मकसद जम्मू कश्मीर की छात्राओं का सशक्तिकरण के साथ उन्हें देश की मुख्यधारा से जोड़ना है. इसके लिए बकायदा एक ट्रेन किराए पर ली जा रही है, जिसे "कॉलेज ऑन व्हील" कम ज्ञानोदय एक्सप्रेस का नाम दिया जाएगा. यह ट्रेन मुबंई, बेंगलुरु, दिल्ली, अहमदाबाद आदि 7 अन्य शहरों में में रुकेगी. नवंबर के महीने में इस ट्रेन को जम्मू से रवाना किया जाएगा. इस बात की कोशिश की जा रही है कि अब तक जम्मू कश्मीर की छात्राओं के लिए करवाए जा रहे देश भर के इस लंबे सफर को प्रधानमंत्री या फिर गृह मंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाई जाए.
ज्ञान के इस सफर में छात्राओं को चुनने के लिए मापदंड भी तैयार किए गए है. छह से आठ छात्राओं के समूह को तकनीकी शिक्षा, विज्ञान, नवाचार और रेलवे के बारे में एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनानी होगी और इसे 17 अगस्त तक जम्मू विश्वविद्यालय में जमा करवाना होगा. विशेषज्ञों की समिति इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट का आकलन करेगी और उसके आधार पर छात्राओं के समूह का चयन किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के लिए धनराशि जम्मू कश्मीर सरकार उपलब्ध करवाएगी. विद्यार्थियों के ठहरने, खाने पीने के सारे प्रबंध किए जाएंगे.
जम्मू कश्मीर में सालों से रही समस्याओं से जूझते हुए जम्मू कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों से छात्राएं कड़ी मेहनत करके विश्वविद्यालय पहुंचती हैं. ऐसे में जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा इन छात्राओं के लिए उठाया जा रहा ये कदम उनकी जिंदगी बड़ा बदलाव लाने का काम करेगा.