जम्मू-कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया 6 मई तक पूरी हो जाएगी : सीईसी सुशील चंद्रा

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया 6 मई तक पूरी हो जाएगी

Update: 2022-03-17 11:22 GMT

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया 6 मई तक पूरी हो जाएगी। जहां तक विधानसभा चुनाव करवाने की बात है तो इसका निर्णय समीक्षा के बाद लिया जाएगा। आयोग द्वारा तैयार की गई फाइनल रिपोर्ट को भारत और जम्मू-कश्मीर राजपत्र पर प्रकाशित कर दिया गया है ताकि लोग उस पर अपनी आपत्तियां दर्ज करवा सकें। इसके बाद परिसीमन आयोग जन सुनवाई के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 28 और 29 मार्च को दौरे पर भी आएंगे।

आपको बता दें कि परिसीमन आयोग को जम्मू और कश्मीर में विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों की सीमाओं को फिर से तय करने का काम सौंपा गया है। भारत और जम्मू-कश्मीर के राजपत्र में प्रकाशित रिपोर्ट में दिखाया कि कश्मीर डिवीजन में हब्बा कदल सीट और जम्मू प्रांत में सुचेतगढ़ सीट को बहाल कर दिया गया था। रिपोर्ट में उपरोक्त दोनों विधानसभा सीटों को बहाल करने पर सहमति व्यक्त की गई परंतु इसमें अन्य मुद्दों पर राजनीतिक दलों द्वारा दर्ज करवाई गई आपत्तियों का कोई उल्लेख नहीं मिला।
आयोग ने द्वारा प्रकाशित प्रस्ताव में लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या को पांच ही रखी गई है परंतु विधानसभा सीटों को वर्तमान 83 से बढ़ाकर 90 कर दिया। इनमें जम्मू में छह और कश्मीर में एक शामिल है। रिपोर्ट में पांच सहयोगी सदस्यों जिनमें तीन नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसदफारूक अब्दुल्ला, हसनैन मसूदी और मोहम्मद अकबर लोन, भाजपा सांसद जुगल किशोर शामिल हैं, में से चार द्वारा हस्ताक्षरित दो असहमति नोट भी शामिल हैं। और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह आयोग के पांचवें सहयोगी सदस्य हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त चंद्रा ने कहा कि जन प्रतिनिधियों की बात सुनने के बाद आयोग उनकी आपत्तियों पर भी विचार करेगा और 6 मई से पहले-पहले ही परिसीमन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। परिसीमन पूरा होने के बाद विधानसभा चुनावों को लेकर समीक्षा की जाएगी। अगर सभी कुछ व्यवस्थित लगा तो बहुत जल्द विधानसभा चुनावों के सही समय की भी घोषणा कर दी जाएगी।


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