कश्मीर घाटी में माहौल बेहतर होते देख कुछ क्षेत्रों से सेना हटाई, नियंत्रण रेखा पर की तैनाती

गर्मियों में घुसपैठ की बढ़ती आशंकाओं के मद्देनजर अब सेना ने आतंकियों को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर ही ढेर करने की व्यूह रचना कर ली है।

Update: 2022-05-03 04:05 GMT

गर्मियों में घुसपैठ की बढ़ती आशंकाओं के मद्देनजर अब सेना ने आतंकियों को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर ही ढेर करने की व्यूह रचना कर ली है। वादी में आतंकियों के काफी हद तक सफाए और हालात बेहतर होने के बाद कुछ क्षेत्रों से सेना की तैनाती को कम कर नियंत्रण रेखा पर भेजने की तैयारी है। लक्ष्य है कि घुसपैठ की सभी साजिशों को एलओसी पर ही दफन कर दिया जाए।

गर्मी में पहाड़ों से बर्फ पिघलने के बाद घुसपैठ बढऩे की आशंका है। खुफिया तंत्र के मुताबिक, अफगानिस्तान से आए कई आतंकियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी कश्मीर में घुसपैठ कराने की फिराक में है। यह आतंकी एलओसी पर डेरा डाले हैं।

कश्मीर के आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य और एक साल की आतंकी घटनाओं के आकलन के बाद सेना ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर व्यूह रचना तय कर ली है। ऐसे में सामान्य हो रहे क्षेत्रों से सेना की तैनाती कम करने के साथ एलओसी पर घुसपैठ के संभावित रास्तों को सील किया जाना है।

इसके अलावा ही भीतरी इलाकों में तैनात किसी भी सैन्य बटालियन और कंपनी का आपरेशन एरिया भी बढ़ाया जाएगा। साथ ही वादी में केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी।

घुसपैठ थमी तो बंद हो जाएगी आतंक की आक्सीजन : खुफिया तंत्र के मुताबिक इस गर्मी में घुसपैठ की साजिशें लगातार बढ़ सकती हैं। अगर घुसपैठ पर नकेल कस ली गई तो कश्मीर में आतंक की आक्सीजन बंद हो जाएगी और हालात पर काफी हद तक काबू पा लिया जाएगा। सैन्य सूत्रों के अनुसार कश्मीर में सुधरते हालात और आतंकियों की लगातार घटती संख्या से आइएसआइ व गुलाम कश्मीर में बैठे आतंकी सरगना पहले से ही हताश हैं। इसलिए बड़े पैमाने पर घुसपैठ कराने की फिराक में हैं।

अफगानिस्तान से लौटे आतंकी छह माह से गुलाम कश्मीर में बैठे : सूत्रों ने बताया कि अफगानिस्तान से लौटे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल-बदर के कई आतंकी करीब छह माह से गुलाम कश्मीर में बर्फ पिघलने रास्ते खुलने का इंतजार कर रहे हैं। इसलिए घुसपैठरोधी तंत्र की लगातार समीक्षा कर उसे और ज्यादा चाक चौबंद बनाया जा रहा है। जम्मू के सुंजवां में 22 अप्रैल को मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों के भी अफगानिस्तानी होने की आशंका जताई जा रही है। इसके अलावा कश्मीर में सक्रिय कुछ आतंकियों के पास अफगानिस्तान में अमेरिकी फौज द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियार और उपकरण मिलने की भी खबर है।

घुसपैठ के रास्तों को किया जा रहा चिह्नित : सूत्रों ने बताया कि बीते माह हुई उ'चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में एलओसी पर घुसपैठरोधी तंत्र को मजबूत बनाने के लिए संभावित क्षेत्रों को पूरी तरह सील करने का फैसला लिया गया। जम्मू संभाग के राजौरी व पुंछ तथा उत्तरी कश्मीर में बारामुला, कुपवाड़ा व गुरेज में एलओसी से सटे घुसपैठ संभावित क्षेत्रों को चिह्नित किया जा रहा है। घुसपैठ के पुराने रास्तों पर भी निगरानी बढ़ाई गई है। इन क्षेत्रों में सेना की तैनाती से घुसपैठ पर लगाम लगने की संभावना है।


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