बर्खास्त विंग कमांडर ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

Update: 2023-03-16 06:01 GMT

दिल्ली: राजस्थान की सीमा पार करके पिछले साल 9 मार्च को पाकिस्तान में गिरी भारत की सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल के मामले में बर्खास्त वायु सेना के विंग कमांडर अभिनव शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। विंग कमांडर अभिनव शर्मा ने अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी है।

याचिका में कहा गया है कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में उन्हें अपना पक्ष रखने की अनुमति नहीं दी गई। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में पाया गया था कि मोबाइल ऑटोनोमस लांचर (एमएएल) पर लोड की गई सभी मिसाइलों के लड़ाकू कनेक्टर्स को डिस्कनेक्ट करने में विफल थे। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने इसे स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) का उल्लंघन बताया था।

याचिका में अभिनव शर्मा ने कहा है कि घटना के समय उन्हें स्क्वाड्रन में एक इंजीनियरिंग अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था और वे केवल रखरखाव के लिए पेशवर और व्यावहारिक ट्रेनिंग दे रहे थे। एक इंजीनियरिंग अधिकारी के रूप में उन्होंने कभी भी परिचालन को लेकर ट्रेनिंग नहीं दी, जो केवल एक कमांडिंग अफसर और संचालन अधिकारी की जिम्मेदारी होती है।

भारत की सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज बढ़ाकर नए एयर वर्जन का परीक्षण किये जाने के दौरान यह हादसा हुआ था। तकनीकी खामी से मिसाइल मार्ग से भटककर पाकिस्तान के अन्दर 160 किमी. दूर मियां चन्नू इलाके में गिरी थी। इस घटना पर पाकिस्तान ने 10 मार्च को कहा था कि इससे कुछ निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ है। भारत ने पाकिस्तान के इस दावे पर 24 घंटे तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी, लेकिन अगले दिन भारत ने गलती से मिसाइल लॉन्च होने की बात स्वीकार करके उच्च स्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए थे।

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