राजोरी : मूसलाधार बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त

Update: 2022-06-19 16:16 GMT

राजोरी। शनिवार सुबह करीब 8 बजे शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने जहां एक तरफ जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया, तो दूसरी ओर लोगों को गर्मी से राहत मिली है। राजोरी शहर व आसपास के इलाकों के अलावा पहाड़ी इलाकों में सुबह से शाम तक तेज व मूसलाधार बारिश होती रही। अचानक तेज और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई।

मूसलाधार बारिश से शहर व आसपास के इलाकों में सड़कों व गलियों जलभराव से लोगों को दिक्क़तों का सामना करना पड़ा। राजोरी की कुछ सड़कों पर मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति बनी नजर आई। कई इलाकों में सड़कों से पानी लोगों की दुकानों में घुसा और लोगों को परेशानी उठनी पड़ी। वहीं बारिश से लोगों को गर्मी से निजात मिली और लोगों ने राहत की सांस ली है। वहीं तेज व मूसलाधार बारिश के चलते नदी नालों में भी जलस्तर बढ़ता देखा गया।

पहाड़ी इलाकों में बारिश के साथ-साथ ओले भी गिरे, जिसके चलते लोगों को गर्मी से तो राहत मिली है, ठंड का एहसास होने लगा है। पहाड़ी इलाके जैसे बुद्धल, कंडी, दरहाल, थन्नामंडी आदि में तेज व मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात बनते नजर आए, लेकिन शाम को बारिश रुकने से स्थिति काबू नजर आई। बताया जा रहा है कि पहाड़ी इलाकों में बारिश के कारण ठंड बढ़ी है, और लोगों को गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ा है।

झमाझम बारिश से खिले लोगों के चेहरे

मेंढर। उपजिले और इसके आसपास के इलाकों में शनिवार दोपहर झमाझम और तेज बारिश होने से लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली। सुबह होते ही बादल छाए थे, और करीब 11 बजे घने बादल छा गए और बारिश शुरू हो गई। करीब डेढ़ दो घंटे मूसलाधार वर्षा ने पूरे इलाके में मौसम बदल दिया। लोगों को गर्मी से राहत तो मिली। मगर थोड़ी ठंड का भी अहसास हुआ। इस वर्षा में मेंढर वासियों, किसानों विजय कुमार, चंदन, शाम लाल शर्मा, अशोक कुमार शुक्ला, इरफान खान, अब्दुल रहमान, खान मोहम्मद, मुश्ताक अहमद, फैज अहमद, हरमीत सिंह, रौनक लाल, हफीज उर रहमान ने कहा कि मेंढर में इतनी खुल कर और ज्यादा बारिश करीब चार माह बाद हुई है, जिसकी हमें जरूरत भी थी। संवाद

पुंछ में दो माह बाद हुई मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालत

मदरसे की दीवार गिरी, स्कूल में भी घुसा पानी

पुंछ। दो माह से चल रहे खुश्क मौसम के बीच शनिवार को मूसलाधार बारिश हुई। जो दिन भर जारी रही। इससे कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालत बन गए। जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया। इस दौरान मंडी तहसील मुख्यालय में बारिश से पहाड़ से भारी मात्रा में पानी नीचे आने लगा, जिससे श्री बुड्ढा अमरनाथ मंदिर के आसपास पानी जमा हो गया। जबकि मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित मदरसा रजा ए मुस्तफा आलापीर की चारदीवारी ढह गई, मदरसे का रास्ता भी बह गया। क्षेत्र में जामा मसजिद में रखा गया भवन निर्माण का सामान कई ट्रक रेत बजरी बह गई। इस दौरान मंडी के बाजारों में बाढ़ में भी घंटों तक बाढ़ जैसे हालात बने रहे। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। किसी प्रकार का कोई बड़ा जान माल का नुकसान नहीं हुआ।

उधर जिले के दूर दराज के गांव लोरन स्थित कस्तूरबा गांधी बालिक विद्यालय की इमारत में बारिश का पानी और स्कूल के साथ बैहने वाले नाले का पानी कई कमरों में घुस गया।जिसके चलते स्कूल प्रशासन ने तत्तकाल स्कूल में उपस्थित बालिकाओं को निकटवर्ती मिडल स्कूल के एक कमरे में स्थानांतरित किया जहां दिन भर उन्हें बंद रखना पड़ा और स्कूल की छुटटी के बाद बच्चों को वहां से निकाला गया।बारिश से स्कूल में पानी घुसने को लेकर स्कूल के शिक्षकों मोहम्मद फारूक,नाईदा परवीन और छात्राओं आरजू गुलजार,आफशां आदि का कहना हैकि हमारे स्कूल की इमारत पहले ही असुरक्षित है।उस पार स्कूल के साथ बैहने वाले नाले और स्कूल के करीब से गुजरने वाली मुख्य सड़क का पानी भी स्कूल में आता है। ऐसे में हम शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन से स्कूल के लिए नई इमारत बनवाने की मांग करते हैं क्योंकि आज तो हमने किसी तरह बच्चों को बचा लिया है।

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