राहुल भट्ट को आतंकियों ने तहसील में घुसकर मार दी थी गोली, 350 कश्मीरी पंडितों ने दिया इस्तीफा

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Update: 2022-05-13 16:47 GMT

कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से ही कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन पिछले तीन सालों की हकीकत यह है कि जो कश्मीरी पंडित पहले से वहां रह रहे थे, उनको भी रहने नहीं दिया जा रहा है. उनकी हत्या हो रही है. राहुल भट्ट की टारगेट किलिंग इसका सबूत है.

अप्रैल में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने संसद को बताया था कि धारा 370 हटने के बाद पीएम डेवलपमेंट पैकेज के तहत सरकारी नौकरी करने के लिए 2105 कश्मीरी पंडित घाटी लौटे हैं. तीन साल में 14 हिंदुओं की टारगेट किलिंग कर दी गई, जिनमें 4 कश्मीरी पंडित थे.
आतंकियों ने इन्हें बनाया निशाना
7 अक्टूबर, 2021 :श्रीनगर : कश्मीरी पंडित दीपक चंद को आतंकियों ने स्कूल में घुसकर गोलियों से भून डाला.
5 अक्टूबर, 2021: श्रीनगर: केमिस्ट माखन लाल बिंद्रू को आतंकियों ने नाम पूछकर सरेआम गोलियां मार दीं.
17 सितंबर, 2021: कुलगाम: कॉन्स्टेबल बन्टू सिंह की आतंकवादियों ने टारगेट किलिंग कर दी.
8 जून, 2020: अनंतगाग: सरपंच अजय पंडिता को आतंकवादियों ने मौत के घाट उतार दिया.
असुरक्षित महसूस कर रहे कश्मीरी पंडित
लगातार हो रहीं हत्याओं के बाद राहुल भट्ट की हत्या ने कश्मीरी पंडितों को हताश कर दिया है. उन्हें लग रहा है कि वापस कश्मीर लौटकर उन्होंने गलती कर दी. कश्मीरी पंडितों ने शुक्रवार को प्रदर्शन कर सरकार से अपनी सुरक्षा की गारंटी की मांग की लेकिन उन पर पुलिस ने लाठियां चला दीं और आंसू गैस के गोले भी दागे. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जिस पुलिस के कंधों पर कश्मीरी पंडितों को आतंकवादियों के हाथों मरने से बचाने की जिम्मेदारी है, उसी पुलिस के हाथों कश्मीरी पंडित मार खा रहे हैं.
350 कश्मीरी पंडितों ने दिया इस्तीफा
कश्मीर घाटी में काम करने वाले 350 से ज्यादा कश्मीरी पंडितों ने शुक्रवार को सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. इन सभी कश्मीरी पंडितों को प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत कश्मीर घाटी में पोस्टिंग दी गई थी. इन सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को यह कहते हुए इस्तीफा भेजा है कि राहुल भट्ट की टारगेट किलिंग के बाद वो सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं.
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