टेरर फंडिंग मामले में एनआईए कोर्ट ने बताया- '18 अप्रैल को यासीन मलिक के खिलाफ आरोप होंगे तय'

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Update: 2022-04-11 11:33 GMT

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने सोमवार को कहा कि वह 18 अप्रैल को कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक और अन्य के खिलाफ आतंकी फंडिंग मामले में औपचारिक आरोप तय करेगी। 19 मार्च को सुनवाई की आखिरी तारीख को अदालत ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद, हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और अन्य गैरकानूनी आरोप तय करने का आदेश दिया था।

वहीं, यासीन मलिक, बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, पूर्व विधायक राशिद इंजीनियर, व्यवसायी जहूर अहमद शाह वटाली, आफताब अहमद शाह, अवतार अहमद शाह, नईम खान, बशीर अहमद भट और कई अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़े आरोप तय किए गए हैं। इसके अलावा अदालत ने कामरान यूसुफ, जावेद अहमद भट्ट और सैयद आसिया फिरदौस अंद्राबी को आरोपमुक्त कर दिया है।
इससे पहले 16 मार्च को एनआईए के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने कहा था, ' गवाहों के बयान और दस्तावेजी सबूतों के विश्लेषण से पता चलता है कि लगभग सभी आरोपी एक-दूसरे के साथ और अलगाव के एक सामान्य उद्देश्य से जुड़े रहे हैं। सभी आरोपियों ने पाकिस्तान से वित्त पोषण लेते हुए आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए थे।'
उल्लेखनीय है कि यह मामला इस्लामिक स्टेट द्वारा समर्थित विभिन्न आतंकवादी संगठन से जुड़ा है। इसमें लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिजबुल-मुजाहिदीन (एचएम), जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) और जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) शामिल हैं, जो जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे थे।
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