जम्मू-कश्मीर में 1 अप्रैल से लागू होगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति

National Education Policy 2020: जम्मू-कश्मीर शिक्षा प्रणाली में 1 अप्रैल से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू किया जाएगा. कार्यक्रम में तीन महीने का प्ले मॉड्यूल और माध्यमिक स्तर पर एक विषय के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा शामिल होगी.

Update: 2022-02-26 03:58 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जम्मू -कश्मीर प्रशासन 1 अप्रैल से शिक्षा प्रणाली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, (NEP 2020) लागू करेगा. यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के एलजी के सलाहकार राजीव राय भटनागर की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के बाद लिया गया है. एनईपी 2020 के कार्यान्वयन पर चर्चा करने और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सामना किए जा रहे किसी भी परिचालन मुद्दों को हल करने के लिए स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग सचिव अनीता करवाल और मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता के साथ बैठक आयोजित की गई थी. कार्यक्रमों के अलावा, समग्र शिक्षा अभियान योजना के लिए अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की गई है.

केंद्र शासित प्रदेश के लिए शुरुआती 28.1 करोड़ रुपये के साथ वित्त विभाग से अतिरिक्त 259 करोड़ रुपये आएंगे. इससे स्कूल शिक्षा विभाग 464 करोड़ रुपये की पूरी निधि का उपयोगिता प्रमाण पत्र एक सप्ताह के भीतर सरकार को सौंप सकेगा. शिक्षा विभाग को अपने सभी ब्लॉक और क्लस्टर संसाधन केंद्रों को सक्रिय करने और यूटी के हर जिले में 10 मॉडल स्कूल खोलने के लिए भी कहा गया है. ये सभी बदलाव और पहलें अप्रैल से दिखाई देंगी.
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल से जम्मू-कश्मीर शिक्षा प्रणाली (education system) में विभिन्न कार्यक्रमों को लागू किया जाएगा, कुछ प्रमुख कार्यक्रम इस प्रकार हैं.
1. विद्या प्रवेश (Vidya Pravesh)– कक्षा 1 के छात्रों के लिए एक प्रीस्कूल तैयारी कार्यक्रम. कार्यक्रम में तीन महीने का प्ले मॉड्यूल और माध्यमिक स्तर पर एक विषय के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा शामिल होगी.
2. निष्ठा 2.0 (NISHTHA 2.0)– शिक्षकों को प्रभावी ढंग से प्रशिक्षित करने के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम. स्कूल शिक्षा विभाग को एनसीईआरटी द्वारा आयोजित इस एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम में शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा गया है.
3. NIPUN Bharat – यह पहल 3 से 8 साल के बच्चों में विकास को बढ़ावा देने के लिए लागू की जाएगी. NIPUN भारत यह सुनिश्चित करेगा कि 3 कक्षा का प्रत्येक बच्चा 2027 के अंत तक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (FLN) प्राप्त कर ले.


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