मोदी सरकार की तुलना महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान में जनरल जिया के शासन से की, लगाया ये आरोप
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को परोक्ष रूप से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले शासन की तुलना पूर्व पाकिस्तानी सैन्य तानाशाह जनरल मुहम्मद जिया-
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को परोक्ष रूप से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले शासन की तुलना पूर्व पाकिस्तानी सैन्य तानाशाह जनरल मुहम्मद जिया-उल-हक के शासन से की और भाजपा पर लोगों के दिमाग में 'जहर' भरने का आरोप लगाया. मुफ्ती ने लोगों, विशेषकर जम्मू कश्मीर के दोनों संभागों के युवाओं से एक साथ आने और ''खोए हुए सम्मान'' के लिए लड़ने की अपील की. जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 की बहाली की दिशा में काम करने की बात कर रही थीं. केंद्र ने इस अनुच्छेद को अगस्त 2019 में निरस्त कर दिया था.
महबूबा ने बीजेपी का नाम लिए बिना कहा, ''हमारे देश में जो हो रहा है वह सब देख रहे हैं. हमारे लोकतंत्र और संविधान को नष्ट किया जा रहा है...जनरल जिया-उल-हक के शासन और आज के भारत में क्या अंतर है? वे हमारे देश को जहर दे रहे हैं जैसे पाकिस्तानी शासक ने वहां किया था.'' जम्मू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुफ्ती ने हाल में पाकिस्तान में एक श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीट कर हत्या किए जाने का जिक्र किया और कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने तत्परता से इसकी आलोचना की, वहीं भारत में इस तरह की घटनाओं में शामिल लोगों को माला पहनाई जा रही है. मुफ्ती ने कहा कि भारत और मुसलमानों को विभाजित करने के लिए पाकिस्तानी संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के खिलाफ द्वेष भावना थी, ''आज, सैकड़ों जिन्ना भारतीयों का ध्रुवीकरण कर रहे हैं। वे उस पार्टी से ताल्लुक रखते हैं जिसने स्वतंत्रता संग्राम में कोई भूमिका नहीं निभाई.''
'गोडसे की राजनीति काम नहीं करेगी'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''आज वे राष्ट्रवादी होने का दावा करते हैं और अपने प्रतिद्वंद्वियों को गद्दार और देशद्रोही बताते हैं. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनमें से कोई भी जेल नहीं गया. वे कुछ साल पहले तक अपने मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज भी नहीं फहराते थे.'' हालांकि, मुफ्ती ने कहा कि यह 'गंगा-जमुनी तहजीब' की जगह है और ''गोडसे'' (महात्मा गाधी के हत्यारे) की राजनीति काम नहीं करेगी. पिछले हफ्ते निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर गए जम्मू कश्मीर बिजली विकास विभाग के कर्मचारियों को तितर-बितर करने के लिए कथित तौर पर सेना का इस्तेमाल करने को लेकर भाजपा की आलोचना करते हुए मुफ्ती ने कहा, ''वे जम्मू कश्मीर के बाहर भी इस तरीके को दोहराएंगे क्योंकि वे चाहते हैं कि सेना के जवानों के कंधों पर बंदूक रखकर काम पूरा करें.''
पीडीपी प्रमुख ने 1971 और 1999 के युद्धों में जीत के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी की सराहना की. मुफ्ती ने सवाल किया कि मौजूदा शासन ने क्या किया जब ''चीन ने लद्दाख में जमीन का एक बड़ा हिस्सा ले लिया और अरुणाचल प्रदेश में बस्तियां बसाई.'' पीडीपी प्रमुख ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नारे 'एक देश, एक विधान, एक प्रधान, एक निशान' को कश्मीर मुद्दे का मूल कारण बताते हुए कहा कि इसने जम्मू कश्मीर के लोगों के बीच कलह पैदा की जिन्होंने 'द्वि-राष्ट्र' सिद्धांत को खारिज कर दिया था.