कश्मीर: कश्मीरी पंडित के मुस्लिम पड़ोसी आतंकी हमले के विरोध में सड़को पर उतरे

Update: 2022-04-06 06:37 GMT

सिटी न्यूज़: जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सोमवार को आतंकवादियों द्वारा एक कश्मीरी पंडित दुकानदार को गोली मारे जाने की घटना के बाद उसके परिवार को मुस्लिम पड़ोसियों का भरपूर समर्थन मिला है। पड़ोसियों ने घायल को न केवल अस्पताल पहुंचाया, बल्कि किसी अन्य परेशानी को रोकने के लिए उसके घर में डेरा भी डाल दिया। जिले के चोटीगाम में दवा की दुकान चलाने वाले बाल कृष्ण भट को दुकान के बाहर आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। फिलहाल उनका श्रीनगर में सेना के 92-बेस अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

भट परिवार शोपियां जिला मुख्यालय से लगभग 10 किमी और श्रीनगर से 70 किमी दूर चोटीगाम में दो कश्मीरी पंडित परिवारों में से एक है। यह क्षेत्र आतंकवाद प्रभावित है और इसे आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा का गढ़ माना जाता है। बाल कृष्ण भट के भाई अनिल भट ने कहा, हम यहां हमेशा से रहे हैं और यहां से कभी नहीं गए। मैं यह कहना चाहूंगा कि हमें कभी खतरा महसूस नहीं हुआ। बत्तीस वर्षीय अनिल भट ने कहा, 'हम नहीं जानते कि हमारे लिए क्या है, हमारे सभी पड़ोसी बहुत अच्छे हैं, लेकिन हम बंदूक के खतरे का मुकाबला कैसे करेंगे। मेरे भाई के अस्पताल से लौटने के बाद ही हम अपने भविष्य के बारे में फैसला करेंगे।

कल (मंगलवार) बड़ी संख्या में पड़ोसी भट परिवार से मिलने पहुंचे थे और अपना समर्थन जताया। पड़ोसी एम अहमद लोन ने कहा, जैसे ही मैंने गोलियों के चलने और रोने की आवाज सुनी, मैं अपने भतीजे और दोस्तों के साथ बाहर निकल आया। हम सोनू (बाल कृष्ण भट) को शोपियां ले गए। भट को सेना के अस्पताल में ले जाए जाने के बाद लोन और उनके पूरे परिवार ने भट परिवार के घर डेरा डाल दिया। लोन ने कहा, सोनू और मैं एक साथ बड़े हुए हैं तथा हमारे बीच कोई अंतर नहीं है। हम एक हैं और इंशाअल्लाह, हम हमेशा एक रहेंगे। अन्य पड़ोसी फैयाज अहमद ने कहा कि सोनू को गांव में हर कोई पसंद करता है क्योंकि वह किसी भी आपातकालीन चिकित्सा स्थिति में लोगों की मदद के लिए आधी रात के बाद भी अपनी दुकान खोलने को तैयार रहता है। बाल कृष्ण के पिता पंडित जानकीनाथ भट ने मंगलवार को अपने घर आए पड़ोसियों से बातचीत की। पड़ोसियों ने परिवार से घाटी न छोडऩे की गुहार लगाई। जी रसूल मीर ने भट के आवास पर कहा, ऐसे कई लोग हैं जो चाहते हैं कि हम अलग-अलग दिशाओं में जाएं, लेकिन हम पूरी दृढ़ता के साथ यह कहेंगे कि हम एक थे, हैं और रहेंगे।

इस बीच, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार के हमले के बाद कश्मीरी पंडित परिवारों को सुरक्षा प्रदान की है। हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने ली है। पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) विजय कुमार ने कहा, हमने पहले ही कई गांवों में सुरक्षा मुहैया कराई है जहां अल्पसंख्यक समुदाय रहते हैं। कुछ गांव अभी भी सुरक्षा के बिना हैं, लेकिन पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा संयुक्त रूप से क्षेत्र में वर्चस्व की कवायद की जाती रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल इस आतंकी-अपराध में शामिल आतंकवादियों को गिरफ्तार करने या उन्हें ढेर करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है और घबराने की जरूरत नहीं है। कुमार ने कहा, आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई हमारी योजना के मुताबिक चल रही है। इस तरह की घटनाएं आतंकवादियों खासकर सीमा पार से उनके आकाओं की हताशा का परिणाम हैं।

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