देश को कश्मीर फाइल दो परिवारों की देन है: पीएमओ डॉ. जितेंद्र सिंह

Update: 2022-03-20 16:59 GMT

स्पेशल न्यूज़: जिस प्रकार पिछले कुछ दिनों से पूर्व मंत्री लाल सिंह डोगरा शासक महाराजा गुलाब सिंह की प्रतिमा को लगवाने में अपना अहम रोल बता रहे थे, उसपर पीएमओ डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि महाराजा सबके थे, इस मूर्ति को लगाने के लिए जम्मू कश्मीर के हर डोगरा का पूरा रोल है। यही कारण है कि आज सभी पार्टियों के लोग हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का रोल इतना सर्वाेपरी हो चुका है कि हर पार्टी अपना रोल हमारे साथ जोड़ना चाहती हैं। इसी बीच पीओके पर बोलते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि 1994 में सर्व समिति से संसद में भारत सरकार की ओर से एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जब सरकार नरसिम्हा राव की थी, कि यदि हिंदुस्तान और पाकिस्तान के कोई बीच विषय है तो मात्र इतना कि जम्मू कश्मीर का वह हिस्सा जो कई वर्षों के पाकिस्तान के पास गैरकानूनी कब्जे में है उसे किस तरह भारत के साथ जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि यह हमारी प्रतिबद्धता है कि भारतीय जनता पार्टी जिसका संकल्प लेती है उसपर गहराई में सोचती है और उस संकल्प को पूरा किया जाता है।


उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जब 370 को हटाने का संकल्प लिया तो उसको हटाया। 1980 में जब भाजपा की स्थापना हुई तो उस वक्त भी अटल बिहारी वाजपेई ने कहा था कि एक दिन ऐसा आएगा कि कमल का फूल खिलेगा। वहीं मोदी जी के नेतृत्व में हर एक वो संकल्प जो अधूरा रह गया है उसे हम पूरा करने का प्रयास करेंगे। इन बातों से साफ हो गया है कि भाजपा का अगला लक्ष्य पीओके है। कश्मीर फाइल मूवी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर कटाक्ष करते हुए सिंह ने कहा कि इस सारे घटनाक्रम की कहानी 1947 में शेख अब्दुल्लाह ने अपनी प्राथमिकताओं पर जो नीतियां बनाई गई थी, जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ उनकी दोस्ती थी। इसी बीच कश्मीरी पंडितों को कश्मीर छोड़ना पड़ा यह सब इन्हीं की देन है। उन्होंने कहा कि फारुख साहब उस समय अपने लोगों को छोड़कर लंदन चले गए थे और फिर यह प्रोपेगेंडा करें कि यह भाजपा की देन है। उन्होंने कहा कि यह सब उस समय हुआ जब मुफ्ती मोहम्मद सैयद गृहमंत्री थे और उन्हीं की बेटी का अपहरण हुआ था, भाजपा तो दूर-दूर तक नहीं थी।

सिंह ने कहा कि यह लोग कश्मीर फाइल को वन साइडेड स्टोरी इसलिए कह रहे हैं कि इन दो परिवारों ने इस झूठ को दफना कर एक योजनाबद्ध तरीके का प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि दो ऐसे परिवार थे जो आपसी तालमेल बनाकर जम्मू कश्मीर पर अपना राज करना चाहते थे और उस में मात्र 8 से 10 प्रतिशत मतदान होता था। वह चाहते थे कि आंतकवाद का माहौल बना रहे, दहशत बनी रहे और मात्र 8 से 10 प्रतिशत मतदान हो और इसी की आड़ में बार-बार में मुख्यमंत्री बनते रहें। इसलिए वह इसे वन साइड स्टोरी बता रहे हैं।

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