J&K: 'हम अलर्ट, आप खुशी से मनाएं दिवाली', सेना ने LOC पर जलाए दीप, फोड़े पटाखे
देशभर में दिवाली की रौनक नजर आने लगी है. शनिवार को धनतेरस के साथ ही दीपों के त्योहार का ये उत्सव भी धूमधाम से शुरू हो गया. कई लोग हर साल की तरह अपने करीबियों के साथ दिवाली मनाएंगे, मिठाइयां बाटेंगे, दीप जलाएंगे, लेकिन भारतीय सेना के जवान इस दिवाली भी देश की सेवा में तत्पर रहेंगे और सीमा पर दुश्मनों की निगरानी करेंगे. जहां लोग अपने घरों में दीपोत्सव की तैयारी में जुटे हैं, तो वहीं भारतीय सैनिक बॉर्डर पर दिवाली सेलिब्रेट कर रहे हैं. दरअसल, जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में LOC पर तैनात भारतीय सेना के जवानों ने तेल के दीपक जलाकर इस शुभ त्योहार का स्वागत किया.
सेना के ये जवान अपने घर से दूर सीमा पर त्योहार मना रहे हैं. शनिवार को धनतेरस के मौके पर जवानों ने लक्ष्मी पूजा की और लक्ष्मी-गणेश की आरती गाई. इसके अलावा उन्होंने पटाखे भी फोड़े. सभी को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कर्नल इकबाल सिंह ने कहा, 'मैं देश के लोगों से कहना चाहता हूं कि किसी बात की चिंता न करें और पूरे हर्षोल्लास के साथ दिवाली का त्योहार मनाएं.' सिंह ने कहा, 'मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारे सैनिक अलर्ट हैं और सीमा पर निगरानी रख रहे हैं
इस साल धूमधाम से मनेगी दिवाली
कोरोना महामारी के दो साल के प्रकोप के बाद पूरा देश इस साल पूरे उत्साह के साथ दिवाली सेलिब्रेट करने के लिए तैयार है. रोशनी के त्योहार के नाम से मशहूर दीपावली पूरे भारत में धूमधाम से मनाई जाती है. लोग लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हैं. अपने घरों को दीयों से रौशन करते हैं. रंगोली बनाते हैं. फूलों और लाइट्स से घरों को सजाते हैं. अपनों में मिठाइयां बांटते हैं. लजीज पकवानों का आनंद लेते हैं और नए-नए कपड़े पहनते हैं
क्यों मनाते हैं दिवाली?
हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान श्री राम रावण का वध करने और 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे. उनके लौटने की खुशी में पूरे अयोध्या को दीपों से सजाया गया था. तब से ही हर वर्ष कार्तिक अमावस्या के दिन दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. धनतेरस से दिवाली का त्योहार शुरू होता है, जो भाई दूज के साथ खत्म माना जाता है. दिवाली का ये उत्सव 5 दिनों तक चलता है. इस साल दिवाली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी