जम्मू : दोषियों का पता लगाने और उन्हें दंडित करने के लिए पुलिस से की जांच, बेटी बोली-हत्या करने वालों से लूंगी बदला
पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि आईआरपी 23 बटालियन में तैनात फारूक अहमद मीर का शव संबूरा में उनके घर के पास धान के खेतों में पाया गया था। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि वह कल शाम को अपने धान के खेतों में काम करने के लिए घर से निकले थे, जहां आतंकियों ने पिस्तौल से उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटनास्थल से दो पिस्टल कारतूस भी मिले हैं। लेथपोरा अवंतिपोरा स्थित अपने दफ्तर में तैनात पुलिस अफ सर शाम को घर गए थे, जहां आतंकियों ने हत्या कर दी।
बड़ी बेटी बांग्लादेश में कर रही एमबीबीएस
फारूक अपने पीछे बूढ़े बाप, पत्नी, दो बेटियों और एक बेटे को छोड़ गए हैं। बड़ी बेटी बांग्लादेश में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। दूसरी बेटी 12वीं कक्षा और बेटा तीसरी कक्षा में है। कल रात से ही फारूक के घर पर ग्रामीणों और परिवार सदस्यों का तांता लग गया।
एसआई पर कई दिनों से नजर रखे थे आतंकी
सूत्रों का कहना है कि आतंकी सब इंस्पेक्टर की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। पिछले कई दिनों से उनकी रेकी करने के बाद शुक्रवार की रात को आतंकी उन्हें अपने साथ खेत ले गए गए और गोली मारकर हत्या कर दी।
बेटी बोली-हत्या करने वालों से लूंगी बदला
हत्या से पूरे गांव में मातम है। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों ने हत्या की निंदा करते कहा कि यह समझ से बाहर है कि इन्हें किसने और क्यों मारा क्योंकि फारूक इलाके के बेहद शरीफ लोगों में गिने जाते थे। हर कोई उनकी इज्जत करता था। फारूक की बेटी और भाई की बहू जिसे वो अपनी बेटी से ज़्यादा प्यार करते थे, ने इस शर्मनाक घटना की निंदा करते कहा कि अपने पिता के हत्यारों को नहीं छोड़ेंगे।
उन्होंने दोषियों का पता लगाने और उन्हें दंडित करने के लिए पुलिस से जांच की मांग की। रोते हुए बेटी ने कहा कि उसको नहीं छोडूंगी जिसने मेरे अब्बू के साथ ऐसा किया। जब पुलिस जांच करेगी तो मैं पूरा सहयोग करूंगी। मैं चाहती हूं कि उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए। मैंने उन्हें कल शाम को देखा था। हम चाय पी रहे थे और वे बहुत खुश थे। उनका किसी से कोई मतभेद नहीं था।\
भाई की बहू रिहाना ने कहा कि उन्होंने सहारा छीन लिया है। बूढ़े पिता अंदर पड़े हैं जिनका सहारा छिन गया है। जिसने भी उन्हें मार डाला उसे हम नहीं जानते लेकिन हम उसे पूछना चाहते हैं कि यह हत्या करके उसे क्या मिला। वह इस घर में एकमात्र कमाने वाले थे। हत्यारा भगवान को क्या जवाब देगा। अन्य रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने भी आतंकियों द्वारा पुलिस सब इंस्पेक्टर की हत्या की निंदा की और कहा कि इसमें शामिल लोगों को जल्द से जल्द खोजा जाना चाहिए और कड़े कानून से निपटा जाना चाहिए।
छह साल के बेटे को नहीं पता कि पिता दोबारा नहीं लौटेंगे
सब इंस्पेक्टर को अवंतिपोरा में श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर पुलिस के आला अधिकारी और उनके परिवार वाले मौजूद थे। जिस समय पिता को श्रद्धांजलि दी जा रही थी तो उनका 6 साल का बेटा मुस्कुराता दिख रहा था। मासूम को शायद यह नहीं पता था कि उसके पिता दोबारा वापस नहीं आएंगे।