जम्मू (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर पुलिस की विशेष जांच एजेंसी (एसआईए) ने सीआईडी की सहायता से गुरुवार को 30 साल बाद टाडा मामलों में आठ भगोड़ों को गिरफ्तार किया। एसआईए ने बयान में कहा, ''टीम ने आठ फरार आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया है, जो लगभग तीन दशक पहले जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (टाडा) से संबंधित गंभीर अपराधों में शामिल थे।
फरार आतंकवादी दशकों तक अंडरग्राउंड होकर कानून के चंगुल से बचने में कामयाब रहे थे। इसके बाद सभी अपने मूल स्थान या कुछ दूर के स्थानों पर सामान्य पारिवारिक जीवन जीने लगे।
इनमें से कुछ भगोड़े आतंकवादी सरकारी नौकरियां और कॉन्ट्रैक्ट पाने में भी कामयाब रहे। जबकि अन्य निजी व्यवसायों में लगे हुए थे और यहां तक कि अदालत में भी काम कर रहे थे।
बयान में कहा गया है कि गिरफ्तार आतंकवादियों को जम्मू में टाडा/पोटा अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। यह भी कहा गया है कि भगोड़े आतंकी 23/24 अप्रैल 1993 की मध्यरात्रि को डोडा निवासी गुलाम मोहम्मद वानी के अपहरण और जान से मारने की धमकी देने तथा डोडा के तारिक हुसैन व मोहम्मद सादिक का अपहरण करने में शामिल थे।
बाद में तारिक हुसैन की मौत हो गई थी, जबकि मोहम्मद सादिक गंभीर रूप से घायल हो गया था। यह मामला डोडा की जामिया मस्जिद और क्षेत्र की अन्य मस्जिदों में नमाज के दौरान झूठी कहानी गढ़कर लोगों को भड़काने से संबंधित है।
बयान में कहा गया है कि एसआईए इस बात की जांच कर रही है कि इतने लंबे समय तक पता लगे बिना आतंकवादी कानून के चंगुल से भागने और अपने मूल स्थानों पर सामान्य जीवन जीने में कैसे कामयाब रहे थे।