खुफिया जानकारी : LOC पार करीब 135 आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार, एजेंसियों की नजर
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कश्मीर फ्रंटियर के महानिरीक्षक राजा बाबू सिंह ने कहा कि पिछले साल संघर्ष विराम समझौते के बाद कश्मीर एलओसी पर समग्र स्थिति शांतिपूर्ण रही, लेकिन ताजा खुफिया जानकारी से पता चलता है।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कश्मीर फ्रंटियर के महानिरीक्षक राजा बाबू सिंह ने कहा कि पिछले साल संघर्ष विराम समझौते के बाद कश्मीर एलओसी पर समग्र स्थिति शांतिपूर्ण रही, लेकिन ताजा खुफिया जानकारी से पता चलता है, कि 104 से 135 आतंकवादी इस तरफ घुसने के लिए लॉन्चिंग पैड पर बैठे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ गाइड एलओसी के दूसरी तरफ गए हैं और उनकी आवाजाही और उनके परिवारों पर सुरक्षा एजेंसियों की लगातार नजर है।
श्रीनगर के बाहरी इलाके हुमहामा में कश्मीर फ्रंटियर बीएसएफ मुख्यालय में सोमवार को आईजी बीएसएफ ने कहा कि पिछले साल फरवरी में संघर्ष विराम समझौते के बाद एलओसी पर स्थिति शांतिपूर्ण रही है। उन्होंने कहा कि अगर घुसपैठ की कोशिशों पर नजर डालें तो 2021 में 31 बार आतंकियों ने एलओसी के उस पार से घुसपैठ की कोशिशें की हैं। इनमें 5 आतंकियों को मार गिराया गया था, 21 वापिस भाग गए थे जबकि 1 आतंकी ने आत्मसमर्पण किया था। आईजी ने कहा कि वर्ष 2019 में 130 जबकि 2020 में 36 घुसपैठ की कोशिशें हुई हैं। उन्होंने कहा कि हमारे इनपुट बताते हैं कि लॉन्चिंग पैड पर 104 से 135 आतंकवादी हैं, जो इस तरफ घुसपैठ करने के लिए तैयार बैठे हैं।
आईजी के अनुसार पिछले वर्ष घाटी में करीब 145 युवाओं को कट्टरपंथ का पाठ पढ़ाते हुए विभिन्न आतंकवादी संगठनों में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी भी खबरें हैं कि कुछ गाइड एलओसी के दूसरी तरफ चले गए हैं। आईजी राजा बाबू ने कहा कि उनकी मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है और उनके परिवार लगातार निगरानी में हैं। उन्होंने कहा कि गाइड का प्राथमिक काम आतंकियो के समूहों को साथ लाना है। आईजी के अनुसार बीएसएफ और सेना द्वारा आने वाले समय के लिए समन्वय के साथ काम करने की एक ठोसी रणनीति तैयार की है क्योंकि जितनी सर्विलांस रहेगी उतना उनकी घुसपैठ करने की चुनौतियां बढ़ेंगी।
आईजी ने कहा कि कश्मीर में बीएसएफ, सेना की 15वीं कोर के ऑपरेशनल कमांड तले काम करती है और कुल 343.9 किलोमीटर एलओसी पर जवानों की तैनाती है। इसमें से 96 एलओसी पर केवल बीएसएफ फ्रंट लाइन पर है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में कानून व्यवस्था के लिए भी बीएसएफ की तैनाती है और अभी भी करीब 52 कंपनियां हैं जोकि बाकी के फ्रंटियर से मंगवाई गई है। इनमें से 9 कुपवाड़ा, 10 बांदीपोरा, 11 गांदरबल, 12 बारामुला, 6 बडगाम और 4 पुलवामा में हैं और हाल में हमने यहां से 10 कंपनियों को पंजाब चुनावों के लिए रवाना किया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में 3 घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम बनाया गया जिसमें से एक 10 फरवरी को, दूसरी 2 अप्रैल सेक्टर कुपवाड़ा और तीसरी 25 जून को पीर बाबा के पास नाकाम की गई। आईजी राजा बाबू ने कहा कि दो घटनाओं में बीएसएफ ने 5 पिस्तौल, 5 पिस्तौल मैगजीन, 150 राउंड, 15 हैंड ग्रेनेड, 1 किलो हीरोइन, डेटोनेटर, 1 एके 47, 4 एके मैगजीन, 827 एके राउंड, 1 साइलेंसर, 3 वायरलेस सेट, 5 वायरलेस ऐन्टेना, 8 डेटोनेटर, 3 चीनी ग्रेनेड, 3 कंपास आदि भी जब्त किये गए।
ड्रोन खतरों के बारे में पूछे जाने पर आईजी बीएसएफ ने कहा कि ड्रोन का खतरा वास्तविक था। उन्होंने कहा कि हम ड्रोन के खतरे का मुकाबला करने के लिए अपने स्वयं के ड्रोन खरीद रहे हैं। इसके अलावा ड्रोन खतरों से निपटने के लिए कई उपाय किये गए हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी तालिबानी आतंकियों के इस पार आने को लेकर कोई इनपुट नहीं हैं लेकिन फिर भी हर पहलू पर नजर रखी जा रही है।
हाल ही में मारे गए पाकिस्तानी आतंकियों के पास से अमेरिकी हथियार मिलने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में आईजी ने कहा कि हथियार हथियार होता है चाहे आधुनिक हो या चाहे जैसा भी हो। सुरक्षाबल पूरी तरह से तैयार हैं और समन्वय के साथ काम कर रहे हैं और यही नतीजा है कि कामयाबियां हाथ लग रही हैं। उन्होंने कहा कि जो भी नया आतंकी बनता है उसकी जिंदगी 6 से 8 हफ्ते से ज़्यादा नहीं होती है। अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना द्वारा छोड़े गए हथियारों का कश्मीर में आने को लेकर आईजी ने कहा कि अभी तक फोर्स के पास कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है लेकिन फिर भी उस पर भी नजर बनाए रखे हुए हैं। इस बीच नारकोटिक्स की तस्करी को लेकर उन्होंने कहा, लगातार उस पार से कोशिश की जाती है, लेकिन उससे निपटने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। आईजी ने कहा कि पिछले साल बीएसएफ ने एलओसी पर 88 करोड़ रुपये की 17.3 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी।