हैदरपोरा मुठभेड़ में SIT रिपोर्ट पर कयास लगाने वाले नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जम्मू-कश्मीर में उन राजनेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।

Update: 2021-12-30 01:13 GMT

हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जम्मू-कश्मीर में उन राजनेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी, जो जांच के बारे में कयास के आधार पर टिप्पणी कर रहे हैं। यहां पुलिस द्वारा जारी एक बयान में, एसआईटी अध्यक्ष डीआईजी सुजीत सिंह ने कहा कि जांच दल को सोशल मीडिया पर कुछ राजनीतिक नेताओं और परिवार के सदस्यों द्वारा एसआईटी द्वारा अब तक हासिल किए गए सबूतों पर संदेह जताने वाले पोस्ट मिले हैं। इसमें कहा गया, इन लोगों ने इसे मनगढ़ंत बनावटी कहानी, सजावटी जांच, हत्यारों को क्लीन चिट, पुलिस की कल्पना आदि कहने की कोशिश की है।

सीआईटी प्रमुख ने बयान में कहा, राजनीतिक नेताओं के इस तरह के कयास आधारित बयानों से आम जनता या समाज के वर्ग विशेष के बीच उत्तेजना, अफवाह, भय पैदा करने की प्रवृत्ति होती है। इस तरह का दृष्टिकोण कानून के शासन के खिलाफ है और कानून के तहत परिकल्पित उचित दंड प्रावधानों को आकर्षित कर सकता है। बयान में कहा गया कि सरकार ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं और बयान देने वाले ऐसे सभी लोगों को पुष्टि या विरोधाभास के लिए अपने पास मौजूद वास्तविक सबूतों के साथ जांच अधिकारी से संपर्क करना चाहिए था।
बेटे का शव लेने हाईकोर्ट जाएगा आमिर का पिता
इस बीच,श्रीनगर में हैदरपुरा मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से एक आमिर माग्रे के पिता ने बुधवार को पुलिस जांच को खारिज कर दिया और कहा कि वह अपने बेटे के शव को वापस लेने के लिए उच्च न्यायालय का रुख करेंगे। वह वीरवार को अपनी वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेगा। पुलिस ने जांच में कहा था कि आमिर एक आतंकवादी था। हैदरपुरा मुठभेड़ की जांच कर रही एसआईटी ने मंगलवार को कहा कि आतंकियों का मददगार डॉ. मुदासिर गुल विदेशी आतंकवादी के हाथों मारा गया जबकि मकान मालिक एवं एक स्थानीय आतंकवादी (आमिर मागरे) की मुठभेड़ में फंस जाने से मौत हुई।
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