पुलवामा न्यूज़: श्रीनगर में जी20 समिट को लेकर जहां सुरक्षा चाक चौबंद है, वहीं जम्मू शहर के कुछ इलाकों में पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। हाई अलर्ट के बावजूद नशीला पदार्थ सरेआम बिक रहा है।चलिए अब आपको ले चलते हैं मराठा मोहल्ला में। संकरी गलियां, उजाड़ भूमि, बेखौफ महिलाएं, बड़ी-बड़ी उगी घास, पास बैठे नौजवान, लगातार आ रही गाड़ियां व मोटरसाइकिल और एक पीपल का पेड़। यहीं से शुरू होती है गांजा तस्करी। एक पुड़िया मांगो, दो और कम दाम पर देने की ऑफर मिल जाएगी। दिन हो या रात, हर वक्त। वो भी त्रिकुटा नगर के थाने से मात्र 700 मीटर दूरी पर।दोपहर के 2 बज रहे हैं। मोहल्ले में दुकान के आगे खुला एरिया है। घास काफी बड़ी है।
जंगल जैसा हाल है। संकरे और कच्चे रास्ते के बीच एक पीपल का पेड़ लगा है। आसपास नौजवानों व बाबाओं की टोली बैठी है, पास ही कुछ युवक गांजा फूंक रहे हैं। जुआ चल रहा है। कुछ ही दूरी पर ट्रेन की आवाज आ रही है। ट्रेन जाने के बाद पूरा एरिया शांत हो जाता है। इसी बीच मोटरसाइकिल पर दो युवक आते हैं। बाइक को बीच रास्ते लगाकर नाले की ओर जा रहे हैं, तभी 20 की उम्र का लड़का उनसे मिलता है और गांजा देकर चला जाता है। फिर कार आती है और उसमें सवार नौजवान फोन कर नशा लेकर चले जाते हैं। ऐसे ही धंधा सरेआम चल रहा है। जब बच्चों के बताने पर तस्करों के पास पहुंचा तो तस्करी से जुड़े लोग सतर्क हो गए। कुछ ही मिनट में इलाका सुनसान पड़ गया। दोपहर 3ः38 पर फिर दस्तक दी। पीपल के पेड़ के पास रिपोर्टर ग्राहक बनकर पहुंची। महिलाओं से गांजा के बारे में पूछा। जवाब मिला, यहां नहीं मिलता, श्मशानघाट के पास चले जाओ। थोड़ी देर में छह नौजवान आ गए। संवाददाता को पुलिस कर्मचारी समझ कहने लगे कि यहां नशा नहीं मिलता, तभी रिपोर्टर ने खुद को नशा पीड़ित बताया और फिर शुरू हो गया पुड़ियों के हिसाब से अपना-अपना दाम।