गडकरी ने जम्मू-कश्मीर में ज़ोजिला सुरंग के कार्य की प्रगति का किया निरीक्षण
श्रीनगर: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ जोजिला सुरंग का निरीक्षण किया. 13.14 किमी लंबी ज़ोजिला सुरंग एशिया की सबसे लंबी सुरंग होगी जो देश के बाकी हिस्सों के साथ लद्दाख क्षेत्र के लिए हर मौसम में संपर्क स्थापित करेगी। सड़क परिवहन और राजमार्गों पर संसदीय सलाहकार समिति के सदस्य सांसद भी मंत्री के साथ थे।
ज़ोजिला टनल के अपने दौरे के दौरान मीडिया से बात करते हुए गडकरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 25,000 करोड़ रुपये की लागत से 19 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है. इसके तहत जोजिला में 6,800 करोड़ रुपये की लागत से 13.14 किलोमीटर लंबी सुरंग व अप्रोच रोड का निर्माण कार्य प्रगति पर है.
"यह 7.57 मीटर ऊंची घोड़े की नाल के आकार की सिंगल-ट्यूब, 2-लेन सुरंग है, जो कश्मीर में गांदरबल और लद्दाख के कारगिल जिले के द्रास शहर के बीच हिमालय में जोजिला दर्रे के नीचे से गुजरेगी। "प्रोजेक्ट में एक स्मार्ट टनल (SCADA) सिस्टम शामिल है, जिसका निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड का उपयोग करके किया गया है। यह सीसीटीवी, रेडियो कंट्रोल, निर्बाध बिजली आपूर्ति और वेंटिलेशन जैसी सुविधाओं से लैस है। इस प्रोजेक्ट में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। गडकरी ने कहा, भारत सरकार के 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की।
ज़ोजिला सुरंग परियोजना के तहत, 13,153 मीटर की मुख्य ज़ोजिला सुरंग, कुल लंबाई 810 मीटर की चार पुलिया, 4,821 मीटर की कुल लंबाई की चार नीलग्रार सुरंग, 2,350 मीटर की कुल लंबाई के आठ कट और कवर और तीन 500 मीटर, 391 मीटर और 220 मीटर ऊर्ध्वाधर वेंटिलेशन शाफ्ट प्रस्तावित हैं। अभी तक जोजिला टनल का 28 फीसदी काम पूरा हो चुका है।
इस टनल के बनने से लद्दाख के लिए हर मौसम में कनेक्टिविटी हो जाएगी। वर्तमान में जोजिला दर्रे को पार करने में औसत यात्रा समय कभी-कभी तीन घंटे लगते हैं, इस सुरंग के पूरा होने के बाद यात्रा का समय घटकर 20 मिनट रह जाएगा। यात्रा के समय में कमी से अंततः ईंधन की बचत होगी।
अधिकारियों ने कहा कि जोजिला दर्रे के पास का इलाका बेहद दुर्गम है, यहां हर साल कई घातक दुर्घटनाएं होती हैं। जोजिला टनल का काम पूरा होने के बाद हादसों की संभावना जीरो हो जाएगी। यह सुरंग कश्मीर घाटी और लद्दाख के बीच साल भर संपर्क प्रदान करेगी, जो लद्दाख के विकास, पर्यटन को बढ़ावा देने, स्थानीय सामानों की मुक्त आवाजाही और आपात स्थिति में भारतीय सशस्त्र बलों की आवाजाही के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।
--आईएएनएस