पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जनता से बोली- पीडीपी पसंद न आए तो पीएजीडी के दूसरे दल को दे देना वोट
जम्मू कश्मीर में अभी परिसीमन का अंतरिम मसौदा ही आया है, लेकिन कश्मीर केंद्रित दलों की सांसें फूली हुई हैं। इन दलों को आगामी विधानसभा चुनावों में सियासी जमीन पूरी तरह खिसकने का डर सताने लगा है।
जम्मू कश्मीर में अभी परिसीमन का अंतरिम मसौदा ही आया है, लेकिन कश्मीर केंद्रित दलों की सांसें फूली हुई हैं। इन दलों को आगामी विधानसभा चुनावों में सियासी जमीन पूरी तरह खिसकने का डर सताने लगा है।
सबसे अधिक भयभीत पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती नजर आ रही हैं। तभी तो पुंछ में जनता के लिए उनके मुख से निकला-चुनावों में अगर लोगों को पीडीपी पसंद न आए तो पीपुल्स एलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के किसी अन्य दल को वोट दे देना। महबूबा की पार्टी पीएजीडी का ही हिस्सा है। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला गुपकार गठबंधन के अध्यक्ष हैं, जबकि उपाध्यक्ष खुद महबूबा मुफ्ती हैं।
दरअसल, जम्मू ही नहीं, कश्मीर में भी महबूबा की पार्टी अपनी सियासी जमीन का अधिकतर हिस्सा खो चुकी है। वर्तमान में वह जम्मू संभाग में नियंत्रण रेखा से सटे राजौरी और पुंछ के दौरे पर हैं। रविवार को वह पुंछ के सुरनकोट में थीं। यहां डाक बंगला में उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित किया। इसमें उन्होंने कहा कि हालांकि, जम्मू कश्मीर में तत्काल चुनावी परिदृश्य नहीं है, लेकिन चुनाव होने हैं। मैं आप सभी से अपील करती हूं कि केवल पीएजीडी के किसी भी दल के उम्मीदवार के पक्ष में ही वोट करें। यदि आप पीडीपी को पसंद नहीं करते हैं तो पीएजीडी के किसी अन्य दल के उम्मीदवार को वोट दें, लेकिन केवल पीएजीडी को ही वोट दें।
भाजपा को निशाने पर लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा कहा कि यह पार्टी आगामी जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावों में किसी भी तरह बहुमत हासिल करना चाहती है ताकि वह अपने पांच अगस्त 2019 के फैसले को सही सही साबित कर सके। उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर मामले को कमजोर करना चाहती है।
आपको बता दें कि पीएजीपी जल्द ही जम्मू-कश्मीर मुद्दे को लेकर राष्ट्रव्यापी अभियान भी शुरू करने जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटाने, उसे राज्य से दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिए जाने सहित अन्य मुद्दों को लेकर पीएजीडी विभिन्न राज्यों में जाकर अन्य राजनीतिक दलों, सामाजिक व धार्मिक संगठनों का समर्थन जुटाएंगे और केंद्र पर दबाव बनाएंगे कि वे जल्द से जल्द इन मुद्दों को हल करें।