जम्मू-कश्मीर के 'बीमा घोटाले' को लेकर सीबीआई ने सत्यपाल मलिक से घंटों की पूछताछ
जम्मू-कश्मीर में कथित बीमा घोटाले की जांच के सिलसिले में सीबीआई कर्मियों की एक टीम ने आज यहां पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आवास का दौरा किया और उनसे करीब पांच घंटे तक पूछताछ की। सूत्रों ने कहा कि संबंधित फाइलों को निपटाने के लिए रिश्वत की पेशकश की गई थी।
उन्होंने कहा कि जांचकर्ताओं की एक टीम उनके दावों के संबंध में स्पष्टीकरण लेने के लिए पूर्वाह्न करीब 11.45 बजे आरके पुरम में मलिक के सोम विहार स्थित आवास पर गई।
सूत्रों ने कहा कि कुछ मुद्दों पर उनसे स्पष्टीकरण मांगने की कवायद करीब पांच घंटे तक चली, इस दौरान उनसे इस मामले में पिछले साल सीबीआई में दर्ज उनके बयानों के संबंध में कई सवाल पूछे गए। सात महीने में यह दूसरी बार है जब मलिक से सीबीआई ने पूछताछ की है।
हालांकि, सीबीआई के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मलिक इस मामले में आरोपी या संदिग्ध नहीं थे। उनका बयान पिछले साल अक्टूबर में बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय में राज्यपाल की जिम्मेदारी पूरी करने के बाद दर्ज किया गया था।
सरकार के खिलाफ उनके नए आरोपों के तुरंत बाद मामले में और स्पष्टीकरण के लिए सीबीआई का नोटिस आने के बाद मलिक ने एक ट्वीट में कहा था, “मैंने सच बोलकर कुछ लोगों के पापों का पर्दाफाश किया है। शायद इसलिए मुझे बुलाया गया है। मैं किसान का बेटा हूं, घबराऊंगा नहीं। मैं सच्चाई के साथ खड़ा हूं।
सीबीआई ने मलिक द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए एक समूह चिकित्सा बीमा योजना के ठेके देने और जम्मू-कश्मीर में किरू पनबिजली परियोजना से संबंधित 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्य में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की हैं।
मलिक ने दावा किया था कि 23 अगस्त, 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।
एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर के कर्मचारियों के लिए चिकित्सा बीमा योजना से संबंधित अपनी प्राथमिकी में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और ट्रिनिटी री-इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड को आरोपी बनाया है। 31 अगस्त, 2018 को राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में मलिक द्वारा इस योजना को कथित तौर पर मंजूरी दे दी गई थी। बाद में इस योजना को खत्म कर दिया गया था।
दूसरी प्राथमिकी में किरू पनबिजली परियोजना के सिविल वर्क पैकेज के ठेके देने में कथित कदाचार के बारे में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि ई-टेंडरिंग से संबंधित दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया था। —
सीबीआई ने मलिक द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बीमा योजना के ठेके देने और जम्मू-कश्मीर में किरू पनबिजली परियोजना से संबंधित 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्य के लिए लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की हैं।