बड़ा खुलासा: LoC पर ढेर किए गए आतंकियों से मिले अफगानिस्तान में इस्तेमाल अमेरिकी हथियार

सेना की डैगर डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल अजय चांदपुरिया ने कहा है.

Update: 2022-02-19 15:11 GMT

सेना की डैगर डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल अजय चांदपुरिया ने कहा है, कि पिछले एक साल के दौरान एलओसी पर मारे गए आतंकियों से अफगानिस्तान में इस्तेमाल अमेरिकी हथियार मिले हैं। यह दर्शाता है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के जाने के बाद भविष्य में न सिर्फ आतंकियों बल्कि अफगानिस्तान से हथियार भी कश्मीर की ओर आ सकते हैं। इसे लेकर सेना लगातार एलओसी पार के हालात पर नजर बनाए हुए है।

मेजर जनरल चांदपुरिया ने कहा कि पाकिस्तान के साथ एलओसी पर सीजफायर की सहमति बनी थी। इसके बावजूद छह से आठ बार पाकिस्तान ने आतंकी घुसपैठ की कोशिशें कीं, जिन्हें नाकाम कर दिया गया। इन आतंकियों से अमेरिका को अत्याधुनिक हथियार और उपकरण मिले हैं। यह हथियार अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना इस्तेमाल कर रही थी। इससे हमारा विश्लेषण ये है कि भविष्य में न सिर्फ आतंकी बल्कि अफगानिस्तान से हथियार भी इस तरफ पहुंचाने की कोशिशें हो सकती हैं।
एलओसी पार 100 से ज्यादा आतंकी घुसपैठ की फिराक में
मेजर जनरल चांदपुरिया ने कहा कि डैगर डिवीजन के जिम्मेवारी वाले इलाके के सामने एलओसी के पार 100 से 130 आतंकी लांच पैड पर मौजूद हैं। उनकी मूवमेंट देखी गई है। यह आतंकी घुसपैठ नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में 150 से 200 आतंकी मौजूद हैं। इनमें 40 से 45 फीसदी पाकिस्तानी हैं। इन आतंकियों में हाइब्रिड आतंकी शामिल नहीं हैं। चांदपुरिया ने कहा कि अप्रशिक्षित इन हाइब्रिड आतंकियों को पिस्टल या ग्रेनेड से हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तरी कश्मीर में आतंकियों का सफाया
मेजर जनरल ने कहा कि उत्तरी कश्मीर में ज्यादातर आतंकी मारे जा चुके हैं। आतंकी संगठनाें में नए युवकों को शामिल करने की दर पहले के मुकाबले अब एक तिहाई पर आ गई है। आतंकियों की संख्या भी बहुत कम हो गई है।
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