केंद्र सरकार ने आईपीएस अधिकारी बसंत रथ को समय से पहले सेवानिवृत्त कर दिया है। सात अगस्त को जारी गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने जनहित में बसंत रथ को तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत्त किया है। बसंत रथ वर्ष 2000 बैच के अरुणाचल प्रदेश, गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं। इससे पहले केंद्र सरकार ने उन्हें कदाचार और खराब आचरण के मामले में निलंबित किया था।
गुरुवार को बसंत रथ ने खुद को ऑनलाइन भाजपा कार्यकर्ता के रूप में पंजीकृत किए जाने का दावा किया। इससे जुड़ी एक पोस्ट उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा की। वहीं, इस मामले में भाजपा का कहना है कि पार्टी में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है।
रथ के पार्टी में शामिल होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के जम्मू-कश्मीर के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने कहा कि कोई भी ऑनलाइन सुविधा का उपयोग करके भाजपा के सदस्य के रूप में शामिल हो सकता है। यह पार्टी नेतृत्व है जो अंततः निर्णय लेता है कि व्यक्ति को शामिल किया जाए या नहीं।
साथ ही उन्होंने कहा, 'भाजपा में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है। उन्हें (रथ को) अनुशासनहीनता के कारण समय से पहले सेवानिवृत्ति दे दी गई है।' रथ ने पिछले साल जून में सेवा से इस्तीफे की घोषणा की थी और बाद में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला या पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की महबूबा मुफ्ती के खिलाफ भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी।