तरनाह नाले पर वैकल्पिक मार्ग 10 दिन में तीन बार बहा

Update: 2023-08-12 06:10 GMT

पहाड़ी इलाकों में बारिश होती ही तरनाह नाले का जलस्तर बढ़ने से बनाया जा रहा वैकल्पिक मार्ग दस दिनों में तीन बार बह चुका है। तीनों बार यह मार्ग एक ही जगह से बहा है। वैकल्पिक मार्ग बनाने का काम कर रही कंपनी नाले के पानी का रुख मोड़े बिना तेज बहाव में मार्ग बनाने में लगी। इस जिद का खामियाजा आम जन को भुगतना पड़ रहा है। तरनाह पुल से आवागमन बंद हुए लगभग 20 दिन बीत चुके हैं, ऐसे में वैकल्पिक मार्ग न बनने से आम जनता परेशान हो रही है।

एक्सप्रेस वे और हाईवे के विस्तारीकरण का काम कर रही कंपनियों ने पहले ही नाले में पुल के नजदीक खनन कर पानी का रुख एक तरफ कर दिया है। अब जहां से यह पानी गुजर रहा है वहां गहराई और तेज बहाव के चलते वैकल्पिक रास्ता बनाने का काम बार-बार बाधित हो रहा है।

वैकल्पिक मार्ग बनाने में जो सीमेंट के पाइप लगाए गए हैं उनमें से भी कुछ को पानी के तेज बहाव ने धकेल दिया है। यही कारण है कि अभी तक वाहनों के चलने के लिए वैकल्पिक रास्ता तो दूर पैदल चलने के लिए भी कोई रास्ता नहीं बन पाया है। जब तक एक जगह से गुजर रहे पानी का रुख बदला नहीं गया या पानी के बहाव के रास्ते को और खुला नहीं किया गया तब तक वैकल्पिक रास्ते के निर्माण कार्य पर इसी तरह से खतरा मंडराता रहेगा।

लोगों का कहना है कि बार-बार वैकल्पिक रास्ते को नुकसान पहुंचने के बावजूद इसे बनाने का काम कर रही कंपनी पानी का रुख दूसरी तरफ मोड़ने का काम क्यों नहीं कर रही है? करोल कृष्णा के रतन लाल ने कहा जिस तरह से वैकल्पिक रास्ता बनाने का काम चल रहा है अगर ऐसे ही चलता रहा तो बरसात खत्म होने तक यह रास्ता बनने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। जब भी रास्ता बनता है, बारिश होती है, जलस्तर बढ़ता है और यह सब बह जाता है।

उन्होंने कहा वैकल्पिक रास्ते को लेकर प्रदेश प्रशासन और एनएचएआई अगर गंभीर होते तो अब तक यह बन चुका होता। केवल सिंह ने कहा एनएचएआई की यह बहुत बड़ी लापरवाही है कि बीस दिन हाईवे बंद होने के बाद भी अभी तक कोई वैकल्पिक रास्ता तैयार नहीं हुआ है।

हर दिन लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दो किलोमीटर की दूरी पर जाने के लिए 25 किलोमीटर का सफर करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा वैकल्पिक रास्ता बनाने वाली कंपनी को पानी से भिड़ने की बजाय योजना बद्ध तरीके से काम करना चाहिए।  

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