प्रदेश सरकार ने एसएसपी ट्रैफिक शब्बीर अहमद मलिक का तबादला कर पुलिस मुख्यालय में किया अटैच
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेब से लदे ट्रकों को कथित तौर पर रोकने के विरोध में फल व्यापारियों के प्रदर्शन और इसको लेकर जारी सियासत के बीच बुधवार को प्रदेश सरकार ने एसएसपी ट्रैफिक (नेशनल हाईवे रामबन) शब्बीर अहमद मलिक का तबादला कर उन्हें पुलिस मुख्यालय में अटैच कर दिया
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेब से लदे ट्रकों को कथित तौर पर रोकने के विरोध में फल व्यापारियों के प्रदर्शन और इसको लेकर जारी सियासत के बीच बुधवार को प्रदेश सरकार ने एसएसपी ट्रैफिक (नेशनल हाईवे रामबन) शब्बीर अहमद मलिक का तबादला कर उन्हें पुलिस मुख्यालय में अटैच कर दिया। अगले आदेश रामबन की एसपी मोहिता शर्मा को एसएसपी ट्रैफिक नेशनल हाईवे रामबन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
यह आदेश वित्त आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव राज कुमार गोयल की ओर से जारी किया गया। इस आदेश में तबादले का कारण तो स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन कश्मीर के फल व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन को इसकी वजह माना जा रहा है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से कश्मीर से देश के अन्य हिस्सों में जाने वाले सेब से लदे ट्रकों को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर जानबूझ कर रोकने के आरोप लगाए जा रहे थे।
गत मंगलवार को विरोध में सोपोर और शोपियां की फल मंडी भी बंद रही थी। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती गत दिवस फल व्यापारियों के धरने में भी शामिल हुई। उन्होंने यहां तक कहा कि ट्रकों को रोका जाना एक तरह से आर्थिक आतंकवाद है। उन्होंने हाईवे रोकने की चेतावनी भी दी थी। विवाद बढ़ता देख मुख्य सचिव ने निर्देश दिए थे कि अब एक दिन छोड़कर सेब के ट्रक निकाले जाएंगे। साथ ही इसका दैनिक बुलेटिन भी जारी किया जाएगा।
सभी भारी मोटर वाहनों को अब एक दिन छोड़कर सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक जम्मू की तरफ भेजा जाएगा। इसके साथ ही सभी ट्रक चालकों और सेब व्यापारियों को हाईवे पर कहीं भी स्वेच्छा से अपने ट्रक खड़ा नहीं करने के आदेश दिए। ट्रक उसी दिन मंडी या बाग से निकलें जिस दिन उनके जाने की अनुमति हो।
पहाड़ से पत्थर गिरने से अधिकतर समय बंद रहा हाईवे : जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर रामबन में बुधवार को भी दिनभर पहाड़ से पत्थर गिरते रहे। इससे अधिकतर समय हाईवे पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। इस दौरान कुछ लोगों के घायल होने की भी सूचना है। दिनभर में केवल 400-500 छोटे वाहनों को ही निकाला गया। रात करीब दस बजे फिर पत्थर गिराना शुरू हो गए। हाईवे पर जगह-जगह वाहनों विशेषकर ट्रकों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। यह स्थिति लगभग एक महीने से बनी हुई है।