अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस 2022 : कहीं निकाली जाएगी रैली तो कहीं होंगे श्रमिक सम्मानित, क्या है इतिहास और आकड़े ?, जाने विस्तृत खबर

यहां पहले एक दिन में 15 घटे तक मजदूरों से काम लिया जाता था,

Update: 2022-04-30 10:25 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : आंदोलन की शुरुआत अमेरिका में एक मई 1886 को हुई थी। दरअसल, यहां पहले एक दिन में 15 घटे तक मजदूरों से काम लिया जाता था,

जिसके खिलाफ एक मई 1886 को आवाज बुलंद हुई और अमेरिका की सड़कों पर लोग निकले।
इसी दौरान पुलिस ने कुछ मजदूरों पर गोली चलवा दी, जिसमें से 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए और वहीं, कई मजदूरों की जान चली गई।
इसके बाद साल 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की दूसरी बैठक हुई और इसी दौरान अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस एक मई को मनाने का प्रस्ताव रखा गया।
साथ ही लोगों से आठ घंटे से ज्यादा काम न करवाने पर और इस दिन अवकाश रखने पर फैसला हुआ।

भारत में ऐसे हुई थी शुरुआत

चेन्नई में एक मई 1923 के दिन लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई।
इस बात को कई सोशल पार्टियों और संगठनों का समर्थन मिला और इसका नेतृत्व वामपंथी कर रहे थे।
औरंगाबाद, - महंगाई के खिलाफ मोटरसाइकिल रैली
मथाडी कामगार एक मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर मथाडी कानून को सख्ती से लागू करने और महंगाई के खिलाफ मोटरसाइकिल रैली निकालेंगे।
शुक्रवार को जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मराठवाड़ा मजदूर संघ के उपाध्यक्ष साथी छगन गवली ने कहा कि बढ़ती महंगाई और
मथाडी अधिनियम के सख्त कार्यान्वयन की मांग के साथ मथाडी कामगार अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर एक मोटरसाइकिल रैली का आयोजन करेंगे।
कोटा - सफाई कर्मियों का होगा सम्मान
कोटा में आगामी 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर कोटा में स्वच्छता कर्मवीरों का सम्मान किया जाएगा। कोरोना काल में विशेष योगदान देने वाले
सफाई कर्मियों का कोटा के गीता भवन में आयोजित कार्यक्रम में सम्मान किया जाएगा। इस कार्यक्रम में 2000 से अधिक सफाई कर्मी सम्मानित होंगे।
स्वच्छता कर्मवीरों के सम्मान कार्यक्रम के आयोजक यश मालवीय ने बताया कि
कोरोना काल में अपनी सेवाओं के जरिए योगदान देने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं, डॉक्टर, नर्सिंग कर्मियों का तो सभी ने सम्मान किया।
महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सफाई कर्मियों का अभी तक किसी ने सम्मान नहीं किया।
छत्तीसगढ़ - मुख्यमंत्री ने मजदूर दिवस पर की बासी खाने की अपील
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मजदूर दिवस यानी एक मई को श्रम को सम्मान देने के लिए सभी से बोरे बासी खाने की अपील की है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा, छत्तीसगढ़ मेहनतकश लोगों का प्रदेश है।
इस पावन भूमि को हमारे किसानों और श्रमिक भाइयों ने अपने मेहनत के पसीने से उर्वर बनाया है।
इस देश और प्रदेश को हमारे किसानों और मजदूर भाइयों ने ही अपने मजबूत कंधों पर संभाल रखा है।
एक मई को हम हर साल इन्हीं मेहनतकश लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के लिए मजदूर दिवस मनाते हैं।
क्या कहते है मजदूर और श्रमिक को लेकर आकड़े
2021 - आंकड़ों के मुताबिक, पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के 8.01 करोड़ कामगार पंजीकृत हैं।
इनमें 72% अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के हैं। 
आंकड़े बताते हैं, ये कामगार अत्यधिक गरीबी में गुजारा कर रहे हैं। 
सामाजिक श्रेणी के विश्लेषण से पता चलता है कि 72.58% पंजीकृत श्रमिक पिछड़े वर्ग से नीचे के हैं। 
इनमें 40.44% ओबीसी, 23.76% एससी, 8.38% एसटी श्रेणी के हैं।
यह पोर्टल अगस्त, 2021 को लॉन्च हुआ था।
ई-श्रम पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक, पंजीकृत कामगारों में 86.58 फीसदी के पास बैंक खाते हैं। 
कुल श्रमिकों में महिलाओं की हिस्सेदारी 51.66 फीसदी और पुरुषों की 48.34 फीसदी है।
वहीं, 61.4% कामगारों की उम्र 18 से 40 साल के बीच है।
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