कल रात कांगड़ा और ऊना जिलों में भारी बारिश और तूफान आया और गेहूं, आलू और सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचा। बारिश और आंधी तूफान के कारण कुछ इलाकों में गेहूं की फसल चौपट हो गई है। कृषि वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि बारिश और आंधी से फसल की पैदावार को नुकसान होने के साथ-साथ फसलों में फंगल रोगों का प्रकोप भी हो सकता है।
कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि राज्य के निचले हिस्सों में गेहूं की फसल परिपक्वता के करीब पहुंच रही है, जबकि राज्य के मध्य और ऊंचे पहाड़ी इलाकों में यह पकने की अवस्था में है। किसानों को अपने खेतों में उचित जल निकासी सुनिश्चित करनी चाहिए क्योंकि गेहूं की फसल जल-जमाव की स्थिति के प्रति संवेदनशील थी। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी गेहूं की फसल की कटाई मौसम साफ होने और बारिश की संभावना नहीं होने के बाद ही करनी चाहिए।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं की फसल चौपट होने से कुछ क्षेत्रों में उपज में नुकसान हो सकता है। तूफान के कारण कांगड़ा में भी यातायात बाधित हुआ जहां पेड़ उखड़कर सड़कों पर गिर गये।