शिमला में सड़क पर जमा हुआ पानी, नदी-नाले उफान पर

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Update: 2022-06-29 17:15 GMT

हिमाचल प्रदेश में बुधवार को झमाझम बारिश के बीच सामान्य से पांच दिन देरी से मानसून ने प्रवेश किया। जोरदार बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं। कांगड़ा जिले के नंदरूल में सड़क बह जाने से लोगों को आवाजाही में परेशानी हो गई है। वहीं चंबा जिले में चुवाड़ी-पठानकोट मार्ग पर देर शाम पहाड़ी से सड़क पर चट्टानें गिरने लगीं। पंजाब की एक कार भी इसकी चपेट आई, लेकिन गाड़ी चालक ने ऐन मौके पर वहां से भाग कर अपनी जान बचाई।

मानसून के हिमाचल में दस्तक देने की सामान्य तारीख 24 जून मानी जाती है। बुधवार को राजधानी शिमला सहित अधिकांश जिलों में भारी बारिश हुई। इससे प्रदेश के नदी, नाले और खड्डें उफान पर हैं। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में सड़कों पर पानी जमा होने से प्रशासन की तैयारियों की पोल खुल गई। भरमौर-पठानकोट हाईवे पर केरू पहाड़ के पास तीन घंटों तक यातायात बाधित रहा। भटियात के गांव खरिवाड़ी में एक कच्चा मकान क्षतिग्रस्त भी हुआ। लाहौल-स्पीति जिले में एक सड़क बाधित हुई है। शिमला, हमीरपुर, कुल्लू में चार बिजली ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं। प्रदेश के सभी क्षेत्रों में वीरवार को भी भारी बारिश और अंधड़ का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है।
3 जुलाई तक प्रदेश में भारी बारिश जारी रहने के आसार हैं। प्रदेश में मंगलवार रात से ही बारिश का दौर शुरू हो गया था। बुधवार सुबह 8:00 बजे तक सरकाघाट में सबसे अधिक 109, भोरंज में 100, सुजानपुर में 84, बड़सर में 63, देहरा गोपीपुर में 54, जुब्बड़हट्टी में 48, नादौन, बिलासपुर में 39-39 और शिमला में 34 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई। ट्रांसफार्मर खराब होने से कई क्षेत्रों में बिजली सप्लाई ठप रही। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि 1 से 28 जून तक प्रदेश में सामान्य से 42 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई। आने वाले 72 घंटों के दौरान प्रदेश में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आगामी 72 घंटों के दौरान भारी बारिश के चलते शिमला और सिरमौर जिला के कुछ क्षेत्रों में बाढ़ आने की चेतावनी जारी की है। जिला प्रशासन को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
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