शाहनहर से बिना डिमांड छोड़ा पानी, मलकाना गांव में घर व खेत हुए जलमग्न
बड़ी खबर
इंदौरा। प्रदेश की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना शाहनहर आए दिन सुर्खियों में रहती है। मंड क्षेत्र के किसानों को पानी की सहूलियत के लिए करोड़ों रुपए की लागत से बनाई गई शाहनहर से किसानों को आज तक जरूरत पड़ने पर कभी भी पानी मुहैया नहीं करवाया जा सका है। जब फसल पककर तैयार हो जाती है तो विभाग के कर्मचारियों द्वारा अपनी मर्जी से ही शाहनहर से पानी छोड़ दिया जाता है, जिससे किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है। मंड क्षेत्र में आए दिन शाहनहर विभाग के ऐसे कारनामे एक आम बात हो गई है। ताजा मामला गांव मलकाना में देखने को मिला है। यहां बीती रात शाहनहर से बिना मांग के ही पानी छोड़ दिया गया। शाहनहर विभाग द्वारा अचानक पानी छोड़ने से कई एकड़ भूमि में गेहूं के खेत पानी से भर गए। वहीं गांव निवासी कुलविंद्र सिंह, बलबीर सिंह, दर्शन और मनोहर के घर में भी पानी घुस गया। ग्रामीण रातभर भागदौड़ कर अपनी गेहूं की फसल को बचाने में लगे रहे।
विभाग के कर्मचारियों इस कार्यप्रणाली को लेकर मलकाना वासियों में भारी रोष है। मलकाना पंचायत उपप्रधान राकेश कुमार मिंटू ने बताया कि शाहनहर विभाग के कर्मियों की इस हरकत से उन्हें 2 लाख का नुक्सान हुआ है। मंड के ग्रामीणों सहित राकेश कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा नहरों पर तैनात किए गए कर्मचारी ड्यूटी देने की बजाय अपने घरों में ही रहते हैं और उनकी लापरवाही का खमियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। विभाग के आलाधिकारी भी ऐसे कर्मचारियों पर कोई संज्ञान नही लेते हैं। इस संदर्भ में जब शाहनहर विभाग ठाकुरद्वारा के एसडीओ संजय भारद्वाज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि लोगों की मांग पर ही पानी छोड़ा गया है लेकिन ग्रामीणों द्वारा कचरा नहर में भर देने से ब्लॉकेज आने के कारण कई जगह से पानी ओवरफ्लो होकर खेतों में भरा है तथा फिलहाल पानी को बंद करवा दिया गया है।