Gagretगगरेट: मादक द्रव्य पदार्थ अधिनियम के तहत जेल में बंद तीन आरोपियों की उच्च न्यायालय में जमानत याचिका खारिज हो गई है। वर्ष 2023 में policथाना गगरेट में दर्ज हुए मादक द्रव्य पदार्थ अधिनियम के तहत एक मामले में जमानत पाने के लिए उच्च न्यायालय पहुंचे तीन आरोपियों की जमानत याचिका माननीय उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है। इससे पहले भी आरोपी जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुके हैं, लेकिन जमानत पाने में नाकाम रहे थे। वर्ष 2023 में Anti Narcotics Task Force ने गगरेट कस्बे में चलाए गए ड्रग तस्करी नैटवर्क का भंडाफोड़ किया था।\
ANTF की टीम ने दिल्ली से एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के माध्यम से आई प्रतिबंधित दवा की एक बड़ी खेप के साथ 3 लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के मोबाइल फोन में मिली जानकारी व उनके बयान के आधार पर पुलिस ने इस नैटवर्क के सरगना वीरेंद्र कुमार बिंदु काे भी गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद एक के बाद एक हुई गिरफ्तारियों में पांच राज्यों में चल रहे इस ड्रग तस्करी नैटवर्क का भंडाफोड़ हुआ था और इस मामले में 8 लोगों की गिरफ्तारियां हुई थीं।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस महानिदेशक ने इस मामले की जांच का जिम्मा CID पर आधारित एसआईटी को सौंपा था जिसका प्रमुख डीआईजी रैंक के अधिकारी डीके चौधरी को बनाया गया था। इस प्रकरण के उजागर होने के बाद पता चला था कि ड्रग तस्कर हिमाचल में ड्रग्स मंगवाने के लिए Transport कंपनियों का सहारा ले रहे हैं। अब तक इस मामले में 8 आरोपी वनगढ़ जेल में बंद हैं। इसी बीच इस प्रकरण में गिरफ्तार मोहम्मद सिराज, मान सिंह व वीरेंद्र कुमार बिंदु ने जमानत हासिल करने के लिए फिर से जमानत याचिका उच्च न्यायालय में दायर की थी, लेकिन इस बार भी उच्च न्यायालय ने आरोपियों की जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है। सीआईडी के एक आला अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।