शिमला: वन विभाग में पीसीसीएफ (हॉफ) की तैनाती पर घमासान शुरू हो गया है। डीपीसी से ठीक पहले दो बड़े अधिकारी आमने-सामने आ गए हैं। एक बार फिर टक्कर हिमाचली बनाम बाहरी अधिकारी के बीच होने वाली है। दरअसल वन्य प्राणी विभाग के पीसीसीएफ राजीव कुमार दोनों पदों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। फरवरी में पीसीसीएफ वीके तिवारी के सेवानिवृत्त होने के बाद यह पद सरकार नहीं भर पाई थी। अब 11 अगस्त को पीसीसीएफ (हॉफ) की डीपीसी तय है। इसमें मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना वरिष्ठता के आधार पर इस पद के सबसे बड़े दावेदार का नाम प्रस्तावित करेंगे और इसके बाद आगामी प्रक्रिया शुरू होगी। आखिर में सबसे अहम ओहदे का फैसला मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू करेंगे। गौर हो कि वरिष्ठता और घनिष्ठता की इस लड़ाई में मौजूदा कार्यवाहक पीसीसीएफ राजीव कुमार और एचपीएनआरएमएस के सीईओ के साथ ही वन निगम के एमडी का दायित्व संभाल रहे डा. पवनेश शर्मा आमने-सामने हैं।
हालांकि वरिष्ठता में राजीव कुमार जरूर दौड़ में आगे नजर आ रहे हैं। लेकिन घनिष्ठता और हिमाचली होने का फायदा यहां डॉ. पवनेश को मिल सकता है। राज्य सरकार डॉ. पवनेश के नाम पर फैसला करती है तो वे छठे ऐसे अधिकारी होंगे, जिन्हें राज्य सरकार के चहेते होने का फायदा मिल जाएगा। सरकार के मुख्य सचिव, डीजीपी और वन विभाग में पीसीसीएफ का ओहदा मुख्यमंत्री तय करते रहे हैं। फिलहाल वन विभाग प्रमुख के पद पर जल्द ही फैसला होने की उम्मीद है। 11 अगस्त को डीसीपी के बाद सरकार को एक नाम का प्रस्ताव भेजा जाएगा और सरकार वन विभाग के प्रमुख का नाम तय करेगी।